ब्रह्मस्वरूप महंतस्वामी महाराज के सान्निध्य में जोधपुर में 10 दिवसीय मंदिर महोत्सव का शुभारंभ

जोधपुर,

राजस्थान के जोधपुर में भक्ति और सेवा के एक नए अध्याय की शुरुआत हो रही है। जोधपुर के कालीबेरी में स्थित बीएपीएस स्वामिनारायण मंदिर में मूर्ति प्रतिष्ठा महोत्सव की तैयारियां अपने चरम पर हैं, जिसमें प्रकट ब्रह्मस्वरूप महंतस्वामी महाराज के जोधपुर आगमन ने भक्तों और स्वयंसेवकों के उत्साह को कई गुना बढ़ा दिया है।

यह 10 दिवसीय मंदिर महोत्सव आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का एक अद्भुत संगम है, जिसका मुख्य आकर्षण 25 सितंबर को होने वाली मूर्ति प्राणप्रतिष्ठा है। इस भव्य समारोह में देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु भाग लेंगे।

इस भव्य मंदिर का निर्माण हजारों भक्तों के निस्वार्थ समर्पण और सेवा का परिणाम है। इस कार्य में सभी आयु वर्ग और समुदायों के लोगों, विशेषकर महिलाओं और बाल युवाओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया है। रसोई की सेवा से लेकर मंदिर की साफ-सफाई, यातायात प्रबंधन और पार्किंग व्यवस्था तक, हर एक व्यक्ति ने किसी न किसी रूप में अपना योगदान दिया है। कालीबेरी और उसके आसपास के क्षेत्रों से कई परिवारों ने एकजुट होकर इस महान कार्य में अपनी सेवाएं अर्पित की हैं, जो निस्वार्थ भक्ति और समर्पण की एक मिसाल है।

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19 सितंबर को ब्रह्मस्वरूप महंतस्वामी महाराज के आगमन के बाद वरिष्ठ संतों और भक्तों ने उनका पुष्पमाला के साथ स्वागत किया। उनके सान्निध्य में भक्तों को आध्यात्मिक मार्गदर्शन और सत्संग का लाभ मिल रहा है। महोत्सव के दौरान 21 सितंबर को स्वागत सभा और 22 सितंबर को सत्कार सभा का आयोजन किया जाएगा, जहां भक्तों को पूज्य स्वामीजी के दर्शन और आशीर्वाद प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।

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मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह भव्य मंदिर सभी आम जन नागरिकों के लिए खोल दिया जाएगा। मंदिर के उद्घाटन के साथ ही, यहां नियमित रूप से आध्यात्मिक और शैक्षिक गतिविधियों का आयोजन होगा, जिसमें हर रविवार को विभिन्न आयु वर्गों के लिए साप्ताहिक सत्संग सभाएं आयोजित की जाएंगी।

बच्चों में नैतिक और सांस्कृतिक मूल्यों का संचार करने के लिए बाल सभाएं होंगी। युवाओं को सही दिशा और प्रेरणा प्रदान करने के लिए युवा सभा का आयोजन किया जाएगा। वरिष्ठ लोगों और परिवारों के लिए आध्यात्मिक उन्नति और पारिवारिक शांति के लिए संयुक्त रवि सभाएं होंगी। युवाओं को नशे जैसी बुरी लतों से दूर रखने और उनका व्यक्तिगत, सामाजिक, आध्यात्मिक और कौशल विकास हो, इसके लिए समय-समय पर युवा शिविरों का भी आयोजन किया जाएगा।

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उम्मीद है कि जोधपुर का बीएपीएस स्वामिनारायण मंदिर न सिर्फ एक आस्था का स्थल केंद्र होगा, बल्कि आने वाले समय में यह एक ऐसा केंद्र बनेगा, जहां मानवता की सेवा, नैतिक मूल्यों और आध्यात्मिक उन्नति को बढ़ावा मिलेगा। यह जोधपुर और आसपास के क्षेत्रों के लिए एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक धरोहर साबित होगा।

 

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