100GB का ई-मेल बम! ईरान की ट्रंप प्रशासन को खुली धमकी, क्या है पूरी सच्चाई?

नई दिल्ली
ईरान और अमेरिका के बीच चल रहे तनावपूर्ण माहौल के बीच ईरान से जुड़े एक हैकिंग समूह ने अमेरिका को धमकी दी है कि वह 100 गीगाबाइट बैच का ईमेल लीक कर देगा। धमकी में ईरानी समूह ने कहा है कि इन इमेल्स में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के सलाहकार रोजर स्टोन और वाइट हाउस के चीफ ऑफ स्टाफ सूसी विल्स सहित उनके लंबे समय के सहयोगियों के बीच के संवाद शामिल हैं, जिसे उसने चुराए थे। रॉयटर्स ने बताया है कि 2024 में राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान एक साइबर अटैक समूह ने दावा किया था कि उसके पास लगभग 100 गीगाबाइट ईमेल हैं जिन्हें वह लीक कर सकता है।

मीडिया के अनुसार, हालांकि, फर्जी नाम रॉबर्ट के तहत काम करने वाले हैकर्स ने ईमेल की सामग्री या उन्हें कब जारी करने की योजना के बारे में जानकारी नहीं दी है। समूह ने पिछले साल अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले भी कुछ ईमेल जारी किए थे। रॉयटर्स को हैकर ने बताया कि उसके पास ट्रम्प की वकील लिंडसे हॉलिगन और स्टॉर्मी डेनियल्स के ईमेल अकाउंट्स के भी विवरण हैं। स्टॉर्मी डेनियल्स वही एडल्ट फिल्मों की अभिनेत्री हैं, जिसे कथित तौर पर ट्रंप के साथ संबंधों का खुलासा नहीं करने और मुंह बंद रखने के लिए ट्रंप की तरफ से 130,000 डॉलर का भुगतान किया गया था।

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घटनाक्रम क्यों है अहम?
यह घटनाक्रम ऐसे वक्त पर सामने आया है, जब अमेरिका ने कुछ दिनों पहले ही ईरान- इजरायल युद्ध के दौरान ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर 30,000 पाउंड के बंकर बस्टर बम गिराए हैं। इन हमलों के बाद ट्रंप ने दावा किया था कि ईरान के परमाणु टिकाने पूरी तरह से तबाह हो गए हैं और भविष्य में ईरान संवर्द्धन कार्यक्रम आगे नहीं बढ़ा सकता। हालांकि, संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था (IAEA)के प्रमुख से रविवार को कहा कि अमेरिकी और इजरायली हमले ईरान के परमाणु कार्यक्रम को नष्ट करने में विफल रहे हैं। IAEA प्रमुख ने ये भी कहा है कि अब कुछ ही महीनों में ईरान फिर से यूरेनियम संवर्धन कर सकता है।

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राष्ट्रपति चुनाव के दौरान भी उठा था मामला
रॉयटर्स के मुताबिक, ईरानी हैकर्स ने कहा है कि राष्ट्रपति ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के लिए निर्वाचित होने के बाद चुराए गए ईमेल डेटा को लीक करने की कोई योजना नहीं थी लेकिन 12 दिनों के ईरान-इजरायल संघर्ष और उस दौरान अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले ने उसे अपना फैसला बदलने को मजबूर कर दिया है। राष्ट्रपति चुनाव के दौरान भी बाइडेन प्रशासन ने इस लीक कांड के पीछे ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स के तीन सदस्यों का हाथ बताया था लेकिन ईरान ने इन सबसे इनकार किया था।

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ध्यान भटकाने और बदनाम करने की कोशिश
दूसरी तरफ, यू.एस. साइबरसिक्योरिटी एंड इंफ्रास्ट्रक्चर सिक्योरिटी एजेंसी (CISA) के प्रवक्ता मार्सी मैकार्थी ने कहा है कि यह शत्रुतापूर्ण विदेशी अभियान ध्यान भटकाने, बदनाम करने और विभाजन करने की एक कोशिश है। मैकार्थी ने कहा कि कथित रूप से चुराई गई सामग्री असत्यापित सामग्री है और उसका इस्तेमाल कर शत्रु शोषण करने की धमकी दे रहा है। CISA प्रवक्ता ने कहा कि जल्द बी इसके दोषियों को ढूंढ़ लिया जाएगा और उन्हें न्याय के कठघरे में खड़ा किया जाएगा।

 

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