आध्यात्मिक डेस्क, न्यूज राइटर, 23 मार्च, 2023
चैत्र नवरात्रि 22 मार्च शुरू हो चुकी है। इस साल नवरात्रि बहुत शुभ संयोग में शुरू हो रही है। यहां जानते हैं संपूर्ण जानकारी।
चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन करे ये खास उपाय
चैत्र नवरात्रि के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि के दिन माता को चांदी की वस्तु अर्पित करें और छात्र शिक्षा और ज्ञान प्राप्त करने के लिए मां सरस्वती की उपासना करे। ऐसा करने से करियर में किसी प्रकार की बढ़ाए दूर होती है।
चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन के लिया जाने पूजन की विधि
चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी को आप शक्कर या पंचामृत का भोग लगाए और ऊं एं नमः मंत्र का 108 बार जाप करे। लेकिन ध्यान रखे की निराहार रह कर पूजा करने से ही फल प्राप्त होता है और सफलता प्राप्त होती है।
मां ब्रह्मचारिणी के पूजन के लिए जाने खास रंग
चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी का पूजन आप पीले या सफेद रंग के वस्त्र पहन कर करे। माता रानी का प्रिय रंग लाल है लेकिन मां को सफेद रंग की वस्तु अर्पित करने से भाग्य आपके पक्ष में आ सकता है और मां के आशीर्वाद से आप सफलता प्राप्त कर सकते है।
चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन जाने पूजन करने का शुभ मुहूर्त
चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की आराधना करने के लिए चैत्र शुक्ल द्वितीया तिथि एक दिन पहले रात 8:20 मिनट पर शुरू हो जाएगी और आप मां का पूजन 23 मार्च रात 6:20 तक कर सकते हैं। मां ब्रह्मचारिणी की आराधना करने का शुभ मुहूर्त सुबह 6:22 मिनट से लेकर 7:54 तक रहेगा।
चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का महत्व
चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन मां दुर्गा की दूसरी शक्ति मां ब्रह्मचारिणी की आराधना की जाती है। इस वर्ष 23 मार्च 2023 को मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाएगी। मां ब्रह्मचारिणी की पूजा से सैयाम और त्याग की भावना जागृत होती है, जो की लक्ष्य प्राप्ति के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
चैत्र नवरात्रि पर जाने अखंड ज्योति स्थापित करने की सही दिशा
चैत्र नवरात्रि पर अखंड ज्योति स्थापित करने का काफी महत्व है लेकिन अगर इस अखंड ज्योति को दक्षिण पूर्व दिशा की तरफ रखा जाए तो घर के सदस्यों को सेहत उत्तम रहती है और वे हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करते है।
चैत्र नवरात्रि के पहले दिन आरती से पहले करें इस खास मंत्र का जाप
चैत्र नवरात्रि के पहले दिन शाम को मां के पूजा करने के शुरुवात 5 सुपारी एक लाल कपड़े में बांधकर माता के चरणों में चढ़ा कर करें और सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सवार्थ साधिके शरण्येत्र्यंबके गौरी नारायणी नमोस्तुते इस मंत्र का जाप करें। मान्यता है इससे मां अंबे विवाह में आ रही बाधाओं को दूर करती हैं।
मां शैलपुत्री का स्त्रोत पाठ
प्रथम दुर्गा त्वंहि भवसागर: तारणीम्।
धन ऐश्वर्य दायिनी शैलपुत्री प्रणमाभ्यम्॥
त्रिलोजननी त्वंहि परमानंद प्रदीयमान्।
सौभाग्यरोग्य दायनी शैलपुत्री प्रणमाभ्यहम्॥
चराचरेश्वरी त्वंहि महामोह: विनाशिन।
मुक्ति भुक्ति दायनीं शैलपुत्री प्रणमाम्यहम्॥
नवरात्रि के दौरान इस बात का रखे खास खयाल
नवरात्रि के दौरान अपने घर के मुख्य दरवाजे पर कुमकुम से माता के चरण अगर बना रहे है तो माता के चरण इस तरीके से बनाए की वे अंदर की तरफ आते हुए दिखे। ऐसा करने से माता की कृपा प्राप्त होती है और घर में माता का आगमन भी होता है।
चैत्र नवरात्रि पर कैसे खत्म करे वास्तु दोष
नवरात्रि के नौ दिन माता की सच्चे मन से पूजा अर्चना करने से घर से वास्तु दोष का अंत होता है। चैत्र नवरात्रि के नौ दिन घर और परिवार की खुशहाली के लिए पूरे विधि विधान से मां का पूजन करना चाहिए।
चैत्र नवरात्रि पर नकारात्मकता का अंत करने के लिए खास उपाय
नवरात्रि के पहले दिन से लेकर के आख़िरी दिन तक हर रोज घर में कपूर जलाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और नकारात्मकता का नाश और घर से अंत भी होता है। इस खास उपाय की मदद से आप भी अपने घर से नकारात्मकता का अंत कर सकते है।
नवरात्रि का सबसे शक्तिशाली मंत्र
चैत्र नवरात्रि में रोजाना मां दुर्गा की पूजा के बाद ‘ओं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाये विच्चे’ का 108 बार जाप करें। कहते हैं इससे उच्चारण मात्र से मां सरस्वती, मां लक्ष्मी और मां काली का आशीर्वाद मिलता है और ग्रहों की पीड़ा से राहत मिलती है।
शत्रुओं से मुक्ति पाने नवरात्रि की रात में करें ये काम
नवरात्रि की 9 रातें साधना, ध्यान, व्रत, संयम, नियम, यज्ञ, तंत्र, त्राटक, योग आदि के लिए महत्वपूर्ण होती है। ‘रात्रि’ शब्द सिद्धि का प्रतीक माना जाता है। रात्रि में कई तरह के अवरोध खत्म हो जाते हैं। इस समय शांत मन से की गई माता रानी की पूजा शीघ्र फल प्रदान करती है। मान्यता है इस दौरान मंत्र जाप करने से शत्रु बाधा से मुक्ति मिलती है।
नवरात्रि में ये उपाय देगा धन लाभ
नवरात्रि में प्रतिदिन पहले कवच, कीलक और अर्गला स्तोत्र का पाठ करें। फिर कुंजिका स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। मान्यता है इससे दुर्गा सप्तशती के संपूर्ण पाठ का फल प्राप्त हो जाता है। ये पाठ जो सिद्ध कर लेता है उसे कभी धन-धान्य, सुखी की कमी नहीं रहती।
घर का वास्तु दोष दूर करने के लिए नवरात्रि में करें ये उपाय
चैत्र नवरात्रि के नौवें दिन यानी महानवमी पर 9 कन्याओं का पूजन करें और उन्हें भोजन कराने के बाद उनसे आशीर्वाद लें। कन्याओं को दक्षिणा देने के बाद ही विदा करें। मान्यता है कि इससे देवी मां प्रसन्न होती हैं। घर से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और सुख-समृद्धि आती है।
9 दुर्गा के 9 प्रिय भोग
मां शैलपुत्री – घी से बनी मिठाई
मां ब्रह्मचारिणी – चीनी या पंचामृत
मां चंद्रघंटा – दूध से बनी मिठाई
मां कूष्मांडा – मालपुआ
मां स्कंदमाता – केला
मां कात्यायनी – शहद और मीठा पान
मां कालरात्रि – गुड़ी से बनी मिठाई
मां महागौरी – नारियल
मां सिद्धिदात्री – चना, खीर, पूड़ी, हलवा
नवरात्रि के 9 दिन न करें ये काम
9 दिन तक व्रती तन और मन दोनों शुद्ध रखें. मन में बुरे विचार न लाए। माता की पूजा में काले कपड़े न पहनें। जिन घरों में घटस्थापना होती है वहां ब्रह्मचर्य का पालन करें। महिलाओं के लिए अपशब्द न बोलें। घर में शांति का माहौल बनाए रखें।