बांग्लादेश में नोटो से शेख मुजीबर को हटाकर नई करेंसी से हिंदुओं को खुश करने का प्लान

ढाका

बांग्लादेश के करेंसी नोटों पर अब बंग बंधु मुजीबुर रहमान की तस्वीरें इतिहास हो गई हैं। रविवार को बांग्लादेश बैंक की ओर से नई नोटें जारी की गई हैं। इन नोटों में मुजीबुर रहमान नहीं हैं, जो 1971 में देश बनने के बाद से करेंसी में छपते चले आ रहे थे। वह पूर्व पीएम शेख हसीना के पिता भी थे। शेख हसीना को बीते साल ही बांग्लादेश में हुए तख्तापलट के बाद सत्ता से हटना पड़ा था और फिर वह देश ही छोड़कर निकल गईं। शेख हसीना के पद से हटने के बाद अंतरिम सरकार के मुखिया के तौर पर मोहम्मद यूनुस नेतृत्व संभाल रहे हैं। उनके नेतृत्व वाली सरकार के दौरान भी बांग्लादेश में जमकर हिंसा हुई है।

ये भी पढ़ें :  CG Police Transfer : बड़ी संख्या में ASI, हेड कांस्टेबल समेत पुलिसकर्मियों का ट्रांसफर, देखिए पूरी लिस्ट…

धानमंडी स्थित शेख मुजीबर रहमान से जुड़े स्मारक तक को आग के हवाले कर दिया गया था। इसके अलावा शेख हसीना के घर को भी फूंक दिया गया। अब नए करेंसी नोट जो जारी किए गए हैं, उनमें किसी नेता की तस्वीर नहीं होगी। इसकी बजाय राष्ट्रीय शहीद स्मारक को जगह दी जाएगी। यही नहीं बांग्लादेश के कुछ ऐतिहासिक स्थानों को भी इन नोटों में दर्शाया जाएगा। इन स्थानों में हिंदू और बौद्ध मंदिर भी शामिल हैं। बांग्लादेश बैंक के प्रवक्ता आरिफ हुसैन खान ने कहा कि नई सीरीज के नोटों की डिजाइन पहले से काफी अलग है। अब इन नोटों में किसी इंसान को नहीं दिखाया जाएगा। इसके स्थान पर बांग्लादेश की प्राकृतिक सुंदरता और परंपरा को इसमें दर्शाया गया है।

ये भी पढ़ें :  CG Assembly Election 2023 : CM हिमंत बिस्वा सरमा का छत्तीसगढ़ दौरा आज; महासमुंद, बिलासपुर और खैरागढ़ में लेंगे चुनावी सभा

अब तक बांग्लादेश की करेंसी में शेख मुजीबुर रहमान दिखते थे। उन्होंने 1971 के बांग्लादेश स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया था और 1975 में तख्तापलट के दौरान उनका कत्ल कर दिया गया था। बांग्लादेश के नए नोटों की डिजाइन को पेंटर जैनुल आबेदीन ने तैयार किया है। इसमें बंगाल के अकाल को भी दर्शाया गया है।

ये भी पढ़ें :  US ने बनाया सैटेलाइट जैमर, रूस-चीन की आसमानी आंख बंद करने की तैयारी, ऐसे करता है काम

बांग्लादेश में ऐसा पहली बार नहीं है, जब करेंसी नोटों के डिजाइन में बदलाव हुआ है और ऐसा राजनीतिक कारणों से किया गया है। पहली बार 1972 में जो भी नोटों में बदलाव किया गया था। तब नोटों पर बांग्लादेश का नक्शा छपा करता था और उसकी जगह मुजीबर रहमान की तस्वीरों ने ली। ऐसा अकसर अवामी लीग की सरकार के दौरान हुआ। फिर जब भी कभी बांग्लादेश में खालिदा जिया की बीएनपी को सत्ता मिली तो उसने ऐतिहासिक स्मारकों को नोटों पर जगह दी।

Share

Leave a Comment