Exclusive : BJP के हाथ लगी कांग्रेस को घेरने की ये अहम रणनीति..पूर्व IAS के इस प्लान को चुनावी हथियार बनायेगी BJP..गृहमंत्री अमित शाह ने इशारों में रणनीति बता दी..इस मुद्दे पर और आक्रामक होगी BJP

 

उर्वशी मिश्रा, रायपुर, 02 सितंबर, 2023

छत्तीसगढ़ प्रवास पर पहुंचे देश के गृहमंत्री अमित शाह ने रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में कांग्रेस सरकार के विरुद्ध आरोप पत्र प्रस्तुत किया। इस दौरान विभिन्न मुद्दों पर अमित शाह ने राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला।

इस दौरान आरोप पत्र पर अमित शाह ने राज्य सरकार को घेरते हुए शराबबंदी का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि भाजपा के शासनकाल में आंशिक मद्यनिषेध चरणबद्ध तरीके से शुरू कर दिया गया था। गौरतलब है कि उसे समय तत्कालीन आबकारी आयुक्त सह सचिव रहे पूर्व आईएएस गणेशशंकर मिश्रा ने इस आंशिक मद्यनिषेध की शुरुआत रमन सिंह के शासनकाल में की थी। जिस विषय का उल्लेख गृहमंत्री अमित शाह ने अपने संबोधन में सबसे पहले किया।

दरअसल केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रायपुर के पंडित दीनदयाल ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में आज कांग्रेस सरकार के ख़िलाफ़ आरोप पत्र जारी किया। इस दौरान प्रदेश प्रभारी ओम माथुर,प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, पूर्व आईएएस गणेश शंकर मिश्रा सहित वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।

अमित शाह द्वारा कांग्रेस सरकार के ख़िलाफ़ जारी किए गए आरोप पत्र में शराबबंदी, आवास योजना, धर्मांतरण, गौठान, डीएमएफ घोटाला और किसान, कानून व्यवस्था जैसे कई अहम मुद्दे शामिल हैं।

 

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आरोप पत्र लांचिंग कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रदेश की कांग्रेस सरकार को जमकर घेरा। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में पंद्रह साल रमन सिंह की सरकार रही है, सपने के साथ छत्तीसगढ़ की रचना अटल जी ने की थी उस रचना पर काम हुआ। अटल जी ने उस समय तीन राज्य की रचना की थी। उन्होंने जनता से अपील करते हुए कहा कि जनता को तय करना है कि घोटाले की सरकार चाहिए या विकास की?

अमित शाह ने कहा कि छत्तीसगढ़ में धर्म परिवर्तन की बाढ़ आयी है। दिल्ली के दरबारी छत्तीसगढ़ का भला नहीं कर सकते।

अमित शाह ने आगे कहा कि जुए की ऑनलाइन ट्रेनिंग देकर करोड़ों का घोटाला हुआ, ग़लत किया है तो एजेंसी अपना काम करेगी ही। उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री में हिम्मत है, तो आज युवा सम्मेलन का आपका कार्यक्रम है सार्वजनिक रूप से मेरी बात का जवाब दे कि दिल्ली में दस साल आपकी सरकार थी तब छत्तीसगढ़ को क्या मिला?

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उन्होंने जल जीवन मिशन का उल्लेख करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की माताओं को शुद्ध पानी नहीं मिलता इसके लिए यहाँ के मुख्यमंत्री ज़िम्मेदार है। पर इस बार छत्तीसगढ़ की माताएं, बहनें कांग्रेस को दंड देगी। उन्होंने अपील की कि बीजेपी की सरकार बना दीजिए, छत्तीसगढ़ में 2 साल के अंदर हर घर शुद्ध पीने का पानी पहुँचेगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमारी सरकार आई तो घोटाला करने वालो को उल्टा लटकाकर सीधा कर देंगे।

शराबबंदी विषय का उल्लेख क्यों?

भाजपा की विश्वसनीय सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस सरकार के सबसे बड़े नाकामियों के रूप में शराबबंदी का विषय ही है। ऐसे में फिलहाल भाजपा में शामिल हो चुके पूर्व इस गणेशशंकर मिश्रा ने अपने प्रशासनिककाल के दौरान आंशिक मद्यनिषेध की शुरुआत कर दी थी। जून माह में धरसींवा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम मांढर में राज्य सरकार की शराबबंदी पर वादाखिलाफी के विरोध में भाजपा द्वारा सभा का आयोजन किया गया था। इस सम्मेलन में बड़ी संख्या में महिलाओं ने इकठ्ठा होकर शराबबंदी पर वादाखिलाफी के विरोध में निंदा प्रस्ताव पारित किया था और राज्यपाल को ये प्रस्ताव दिया गया था। इस सम्मेलन में भारी संख्या में महिलाओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज़ कराकर इस आयोजन का पूर्ण समर्थन किया था। इस विषय में मिले अपार जनसमर्थन को भाजपा ने सकारात्मक रूप में लिया है। इसके बाद से इस कार्यक्रम में संयोजक का ज़िम्मा संभाल रहे गणेशशंकर मिश्रा को शराबबंदी के विषय की अहम जिम्मेदारी पार्टी ने दी। जिसे लगातार सफलता मिल रही है। ऐसे में भाजपा इस मुद्दे पर सरकार को घेरने में कोई भी कोर कसर नहीं छोड़ना चाह रही है। यही वजह है कि आज रायपुर में भाषण के शुरुआत ही गृहमंत्री अमित शाह ने शराबबंदी के मुद्दे से की।

 

क्या किया था IAS मिश्रा ने?

लंबे वक्त तक आबकारी विभाग यानी शराब बेचने वाले विभाग के आयुक्त रह चुके रिटायर्ड आईएएस अधिकारी गणेश शंकर मिश्रा बतौर प्रदेश भाजपा नेता शराबबंदी आंदोलन की अगुवाई कर रहे हैं। आबकारी आयुक्त सह सचिव रहते भाजपा ने योजनाबद्ध तरीके से शराबबंदी का कार्य प्रारम्भ कर दिया था। धीरे-धीरे करीब 400 दुकानों को बंद किया जा चुका था। बतौर आबकारी विभाग के मुखिया मिश्रा ने आंशिक शराबबंदी की योजना पर कार्य प्रारम्भ कर दिया था। जिसके तहत ‘भारत माता वाहिनी’ नाम का एक अभियान भी शुरू किया था, जिसमे महिलाएं गांव गांव में अवैध शराब की बिक्री संबंधी शिकायतों पर खुद काम करती थी। पिछली भाजपा सरकार के समय अलग-अलग छोटे-छोटे ग्रामों में धीरे-धीरे कर शराब दुकानें बंद की जा रही थी, इसे आंशिक शराबबंदी का नाम दिया गया था और धीरे-धीरे इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाता। इसका उल्लेख छत्तीसगढ़ प्रवास पर आए गृहमंत्री अमित शाह ने अपने संबोधन में किया।

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शराबबंदी को लेकर मुखर रहे हैं मिश्रा, गृह-क्षेत्र में इसपर अभियान चलाकर, राज्यपाल को महिलाओं का सौंपा निंदा प्रस्ताव

रायपुर के धरसींवा विधानसभा क्षेत्र में पूर्व आईएएस अधिकारी प्रदेश भाजपा नेता जी एस मिश्रा की अगुवाई में घर-घर तक शराबबंदी से जुड़ा यह अभियान पहुंचा। एक संकल्प पत्र पर महिलाओं ने हस्ताक्षर करते हुए अपनी संवेदनाओं को व्यक्त किया और लिखा कि शराब की वजह से उनके परिवार पर आर्थिक और सामाजिक परेशानियां आती हैं पति की सेहत पर भी असर पड़ता है, इसीलिए वह चाहती हैं कि शराब बंदी लागू की जाए, हजारों की संख्या में फॉर्म इस महतारी हुंकार रैली में देखने को मिले। इन सभी को राज्यपाल को सौंपा गया|

रिटायर्ड IAS अधिकारी गणेश शंकर मिश्रा, कभी आबकारी विभाग के आयुक्त थे। इन दिनों बतौर भाजपा नेता शराबबंदी के अभियान चला रहे हैं। भाजपा इस मामले में मिश्रा के आइडिया पर एक्शन प्लान तैयार कर सकती है। मिश्रा ने आबकारी विभाग में रहते हुए गांधी ग्राम, आदर्श ग्राम, सेनानी ग्राम, औषधि ग्राम जैसे चिह्नांकित गांवों से 400 शराब दुकानें बंद कर दी थीं। मुमकिन है कि शराबबंदी के मसले पर संगठन के नेता मिश्रा के साथ राय-शुमारी कर लोगों के बीच ये मुद्दा ले जाएंगे। एक दिन पहले शनिवार को मांढर में मिश्रा की अगुआई में 5 हजार से अधिक महिलाओं ने शराबबंदी काे लेकर संकल्प पत्र और ज्ञापन डॉ रमन को सौंपे थे।

प्रयोग के तौर पर पूर्व IAS और प्रदेश भाजपा नेता गणेश शंकर मिश्रा ने धरसींवा इलाके में एक सर्वे करवाया। यहां घर-घर से महिलाओं ने एक फॉर्म पर अपनी तकलीफें लिखी जैसे पति नशे की हालत में मारपीट करता है, घर में शराब की वजह से आर्थिक संकट पैदा हुआ। इस तरह के 5000 से ज्यादा फॉर्म राज्यपाल को सौंपे गए, ताकि प्रदेश में शराबबंदी की मांग की ओर उनका भी ध्यान आए।

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भाजपा करेगी शराबबंदी!

छत्तीसगढ़ में शराबबंदी एक बड़ा सियासी मुद्दा है। पिछली बार सत्ता में आई कांग्रेस के लिए ये वादा सरकार बनाने के लिए नींव की तरह काम कर गया। मगर अब तक प्रदेश में शराबबंदी लागू हुई नहीं है। खासकर महिलाओं को इस मसले से तकलीफ है, भाजपा अब इस तकलीफ का मरहम अपने दावों के जरिए जनता के बीच पहुंचा रही है। कोशिश हो रही है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में महिलाओं को इस मुद्दे पर अपने साथ लाने की।

अब भाजपा की सरकार बनेगी तो प्रदेश में शराबबंदी शुरू हो सकती है। इसको लेकर डॉ रमन सिंह ने दैनिक भास्कर से बात-चीत में जानकारी दी। डॉ रमन से जब पूछा गया कि क्या भाजपा शराबबंदी करेगी तो उन्होंने कहा जब हम सत्ता में थे तो शराब दुकानों को बंद करने का काम किया था। पहले 500 की आबादी फिर, 1000 और फिर 2000 की आबादी वाले गांवों में दुकानें बंद की गई थीं। वैसे ही धीरे-धीरे दुकानें बंद की जाएंगी। डॉ रमन ने कहा पिछली सरकार ने नीति बनाकर शराबबंदी की शुरुआत कर दी थी और आने वाले समय में भाजपा की सरकार बनने के बाद उसी नीति का उपयोग किया जाएगा। गौरतलब है कि इस आंशिक शराबबंदी शिल्पकार गणेशशंकर मिश्रा थे।

शराबबंदी का वादा लेकर क्या जनता के बीच भाजपा जाएगी, क्या ये बात आने वाले चुनाव में भाजपा के घोषणा पत्र में होगी ? ये पूछने पर डॉ. रमन ने कहा महिलाओं में इस मामले को लेकर आक्रोश है, हम क्षेत्रों में जा रहे हैं तो दिख रहा है कि कांग्रेस की वादाखिलाफी से महिलाएं नाराज हैं। डॉ रमन ने कहा- घोषणापत्र में शराबबंदी का हम जिक्र करेंगे, जैसे पहले दुकानों को बंद किया उसी कार्यप्रणाली का अनुसरण करेंगे।

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