इज़रायल पर मुस्लिम देशों में मतभेद: खाड़ी देश ने कहा– नेतन्याहू से नहीं टूटेंगे रिश्ते

अबू धाबी 
कतर पर इजरायली हमले और फिलिस्तीन के मुद्दे पर एकजुट हुए अरब जगत में अब विरोध के सुर उठने लगे हैं। खाड़ी देश संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने अन्य मुस्लिम देशों के अलग स्टैंड लेते हुए कहा है कि अगर प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की सरकार वेस्ट बैंक के कुछ हिस्से या पूरे हिस्से को अपने देश मिला लेती है, तब भी संयुक्त अरब अमीरात इजरायल के साथ अपने राजनयिक संबंधों को नहीं तोड़ेगा। हालांकि, UAE ने कहा कि वह राजनयिक संबंधों को कम करने पर विचार कर सकता है लेकिन दोनों देशों के बीच संबंध पूरी तरह से नहीं तोड़ सकता।

बड़ी बात यह है कि रॉयटर्स के सूत्रों ने यह खबर ऐसे समय में दी है, जब UAE विदेश मंत्रालय की अधिकारी लाना नुसेबेह ने 3 सितंबर को द टाइम्स ऑफ इजरायल को दिए इंटरव्यू में कहा था कि वेस्ट बैंक का किसी भी तरह का विलय एक "रेड लाइन" होगा और वह अब्राहम समझौते को खतरे में डालेगा। साथ ही साथ क्षेत्रीय एकीकरण की कोशिशों को खत्म कर देगा लेकिन गुरुवार की शाम अनाम खाड़ी अधिकारियों के हवाले से इस रिपोर्ट का खंडन कर दिया गया और यह बात सामने आई के UAE इजरायल से नाता नहीं तोड़ेगा। वेस्ट बैंक इजरायल-फिलिस्तीनी संघर्ष का केंद्र बना हुआ है। फिलिस्तीनी इसे गाजा पट्टी के साथ अपने परिकल्पित राष्ट्र का अहम हिस्सा मानते हैं।

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दोहा में जुटे थे UAE समेत 50 मुस्लिम मुल्क
यह डेवलपमेंट ऐसे वक्त में हुआ है, जब कुछ दिनों पहले ही कतर की राजधानी दोहा में करीब 50 मुस्लिम देशों ने बैठक की और इजरायल के खिलाफ एकजुटता दिखाई है। इस बैठक में UAE के पड़ोसी देशों सऊदी, ईरान, इराक, समेत जॉर्डन, तुर्की, पाकिस्तान, मलेशिया, सीरिया भी शामिल हुआ था। UAE भी उस बैठक का हिस्सा था। इसमें सभी अरब देशों ने इजरायल को गाजा में नरसंहार के लिए जिम्मेदार ठहराया और दोहा में उजरायली हमले की निंदा की।

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2020 से UAE और इजरायल में संबंध
बता दें कि संयुक्त अरब अमीरात उन कुछ अरब देशों में से एक है जिनके इजरायल के साथ राजनयिक संबंध हैं और इन संबंधों को कमतर करना अब्राहम समझौते के लिए एक बड़ा झटका होगा। UAE ने 2020 में इजरायल के साथ संबंध स्थापित किए थे। अगर संबंधों में कटौती होती है तो यह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और नेतन्याहू की विदेश नीति के लिए भी एक उपलब्धि हो सकती है। इजरायल सरकार ने हाल ही में ऐसे कदम उठाए हैं जो वेस्ट बैंक के विलय का पूर्वाभास दे सकते हैं, जिसे 1967 में छह दिवसीय युद्ध में जॉर्डन से पूर्वी यरुशलम के साथ छीन लिया गया था। संयुक्त राष्ट्र और अधिकांश देश इस तरह के कदम का विरोध करते रहे हैं। दूसरी तरफ, नेतन्याहू अगले साल होने वाले चुनाव से पहले इस विलय को एक चुनाव जिताऊ मुद्दे के रूप में देख रहे हैं।

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