बेंगलुरु
एर्नाकुलम-बेंगलुरु वंदे भारत एक्सप्रेस के उद्घाटन के मौके पर स्कूल के छात्रों द्वारा आरएसएस गीत गाने को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। केरल की पिनारायी विजयन की सरकार इस मामले को लेकर सख्त है आर जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। इसी बीच स्कूल के प्रिंसिपल बच्चों के समर्थन में आ गए हैं। उन्होंने कहा कि दक्षिण रेलवे या फिर किसी केंद्रीय मंत्री के इशारे पर यह 'देशभक्ति गीत' नहीं गाया गया था।
सरस्वती विद्यानिकेतन पब्लिक स्कूल एलामक्कारा के प्रधानाचार्य डिंटो केपी ने कहा कि यह एक देशभक्ति गीत था। उन्होंने कहा कि स्कूल के छात्रों ने खुद इस गीत का चयन किया था। उन्होंने यह बात भी मानी है कि दक्षिण रेलवे के एक्स हैंडल से गीत का वीडियो हटाए जाने के बाद स्कूल प्रशासन ने प्रधानमंत्री कार्यालय और रेल मंत्री को पत्र लिखा था।
उन्होंने कहा, मुझे नहीं पता कि आखिर राज्य सरकार ने इस मामले में जांच के आदेश क्यों दिए हैं। हम इसका कानूनी उपचार सोचेंगे। प्रिंसिपल ने कहा कि जिन बच्चों ने गीत गाया उनपर साइबर अटैक हो रहे हैं और उन्हें 'संघी किड्स' कहकर परेशान किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर भी उन्हें परेशान किया जा रहा है।
बता दें कि एर्नाकुलम से बेंगलुरु जाने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस के उद्घाटन के बाद ट्रेन में स्कूली छात्रों से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के गीत गाया था। केंद्रीय मंत्रियों ने इस घटना को उचित ठहराते हुए कहा कि यह एक देशभक्ति गीत है। वहीं केरल सरकार ने जांच के आदेश दे दिए। विपक्षी दल कांग्रेस ने इस घटना की कड़ी निंदा की और बच्चों को “सांप्रदायिक उद्देश्य” के लिए इस्तेमाल करने की अनुमति देने के लिए स्कूल अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। हालांकि, स्कूल प्रबंधन ने बच्चों द्वारा इस विशेष गीत के गायन का पुरजोर बचाव करते हुए कहा कि इसका संदेश “अनेकता में एकता” है। उन्होंने यह भी जानना चाहा कि इसमें सांप्रदायिकता की क्या बात है।
दक्षिण रेलवे ने छात्रों द्वारा गाए गए गीत का वीडियो और उसका अंग्रेजी अनुवाद रविवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर फिर से पोस्ट किया और लिखा, ‘‘सरस्वती विद्यालय के छात्रों ने एर्नाकुलम बेंगलुरु वंदे भारत एक्सप्रेस के उद्घाटन के दौरान अपने स्कूल गीत की शानदार प्रस्तुति दी।’’


