महाराष्ट्र निकाय चुनाव 2025: NDA ने हासिल की 207 सीटें, भाजपा 117, शिंदे 53, शिवसेना उद्धव 9 पर सिमटी

मुंबई 

महाराष्ट्र निकाय चुनाव में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन (NDA) को बंपर जीत हासिल हुई है। 288 सीटों (246 नगर परिषदों और 42 नगर पंचायतों) के रिजल्ट में महायुति को 207 सीटों पर जीत मिली। रविवार रात तक स्टेट इलेक्शन कमीशन ने फाइनल रिजल्ट जारी कर दिए।

गठबंधन में भाजपा 117 सीटों पर जीत के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। एकनाथ शिंदे की शिवसेना को 53 सीटें, NCP अजित को 37 सीटें मिलीं। वहीं, विपक्षी महा विकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन 44 सीटों तक सीमित रहा।

इसमें कांग्रेस कांग्रेस को 28 सीटें मिलीं, जबकि शरद पवार की NCP को केवल 7 और शिवसेना (UBT) को 9 सीटें हासिल हुईं। 32 सीटें अन्य को मिली हैं।

गढ़चिरौली में वार्ड नंबर 4 में बीजेपी उम्मीदवार संजय मंडवगड़े केवल एक वोट से चुनाव हार गए। लास्ट काउंटिंग के बाद उन्हें 716 वोट मिले। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी श्रीकांत देशमुख को 717 वोट मिले।

दरअसल, महाराष्ट्र की 288 नगर परिषदों और नगर पंचायत के लिए दो चरणों में चुनाव हुआ था। पहले चरण में 2 दिसंबर को 263 निकायों में मतदान हुआ था। बाकी 23 नगर परिषदों और कुछ खाली पदों पर 20 दिसंबर को वोटिंग हुई थी।

धुले की डोंडाइचा नगर परिषद और सोलापुर की उंगर नगर पंचायत में अध्यक्ष और सदस्यों का चुनाव निर्विरोध हुआ था। जलगांव जिले की जामनेर नगर परिषद में भी अध्यक्ष पद के लिए मुकाबला नहीं हुआ था। तीनों पदों पर भाजपा ने निर्विरोध जीत हासिल की।

पीएम ने बधाई दी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महायुति को समर्थन देने के लिए महाराष्ट्र के मतदाताओं का धन्यवाद किया और इसे विकास पर जनता के भरोसे से जोड़ा।

गृहमंत्री और बीजेपी अध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं को बधाई दी

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने परिणामों को सुशासन और विकास की राजनीति की जीत बताया। BJP के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नबीन ने इसे ऐतिहासिक सफलता कहा और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, अजित पवार और प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण को बधाई दी।

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लोहा नगर परिषद में एक ही परिवार के 6 लोग हारे

लोहा नगर परिषद में बीजेपी की फैमिली पैक रणनीति फेल हो गई। यहां अध्यक्ष पद के लिए उसके उम्मीदवार गजानन सूर्यवंशी और उनके पांच रिश्तेदार हार गए।

CM फडनवीस बोले- भाजपा पार्षद 1602 से बढ़कर 3325 हुए

वहीं, निकाय चुनाव में महायुति की जीत पर सीएम देवेंद्र फडणवीस ने खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा- नगरपालिका और नगर पंचायत चुनावों में भारतीय जनता पार्टी और महायुति को मिली जबरदस्त सफलता के लिए मैं महाराष्ट्र की जनता का आभार व्यक्त करता हूं। 2017 में 94 नगरपालिकाओं की तुलना में इस बार हमने 129 नगरपालिकाओं (45 प्रतिशत) में जीत हासिल की है।

फडणवीस ने कहा कि महायुति के तौर पर हमने 215 नगरपालिकाएं (74.65 प्रतिशत) जीती हैं। 2017 में भाजपा के 1602 पार्षद थे। अब बढ़कर 3325 हो गए हैं। पार्षद की कुल संख्या 6952 है, इनमें से महायुति के 4331 पार्षद जीते हैं।

इस बीच आइए आपको महाराष्ट्र स्थानीय निकाय चुनाव की 5 पांच बातें बताते हैं…

महायुति गठबंधन को मिली शानदार जीत

महाराष्ट्र निकाय चुनाव में महायुति गठबंधन को शानदार जीत मिली है। बता दें कि इस गठबंधन में भारतीय जनता पार्टी, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शामिल हैं।

महायुति गठबंधन ने नगर परिषदों और नगर पंचायतों के चुनावों में दबदबा बनाया और 288 नगर परिषद अध्यक्ष पदों में से 207 पर जीत हासिल की। वहीं, विपक्षी महा विकास अघाड़ी (MVA) सिर्फ 44 सीटों तक ही सीमित रह गई, जिससे जमीनी स्तर पर सत्ताधारी गठबंधन की संगठनात्मक बढ़त साफ दिखती है।

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सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी BJP

विधानसभा चुनाव के जैसे ही इस स्थानीय निकाय चुनाव में भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। इस स्थानीय निकाय निकाय चुनाव में बीजेपी ने 117 नगर पालिका अध्यक्ष पदों और 3,300 से ज़्यादा पार्षद सीटों के साथ शानदार प्रदर्शन किया।

किस मुद्दे का रहा असर

गौरतलब है कि बीजेपी और उसके सहयोगियों ने बार-बार नतीजों को विकास-केंद्रित अभियान के समर्थन के तौर पर पेश किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि नतीजे जन-केंद्रित विकास में जनता के भरोसे को दिखाते हैं, जबकि फडणवीस ने इस बात पर जोर दिया कि गठबंधन ने निजी हमलों से बचते हुए शासन, इंफ्रास्ट्रक्चर और शहरों और कस्बों के लिए भविष्य की योजनाओं पर ध्यान केंद्रित किया।

MVA ने मानी हार

कांग्रेस, शिवसेना (UBT) और NCP (SP) वाली महा विकास अघाड़ी ने हार स्वीकार कर ली, लेकिन प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया। स्थानीय निकाय चुनाव के नतीजों के बाद महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने आरोप लगाया कि चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष नहीं थे, जबकि शिवसेना (UBT) नेताओं ने पैसे की ताकत और EVM में हेरफेर का आरोप लगाया, इन दावों को सत्ताधारी गठबंधन ने खारिज कर दिया।
अजित पवार की एनसीपी ने प्रमुख गढ़ों में कब्जा रखा बरकरार

विधानसभा चुनाव के तरह ही, महाराष्ट्र के स्थानीय निकाय चुनाव में भी अजित पवार के नेतृत्व वाली NCP ने पुणे जिले और बारामती में खास ताकत दिखाई। एनसीपी ने ज्यादातर सीटों पर जीत हासिल की। यह प्रदर्शन राज्य स्तर पर गठबंधन बदलने के बावजूद, छोटे शहरी केंद्रों पर पवार की पकड़ को मजबूत करता है।

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संजय राउत बोले- चुनाव में पैसों की बारिश हुई

शिवसेना (उद्धव) सांसद संजय राउत ने कहा- BJP को 120-125 सीटें मिलीं, शिंदे ग्रुप को 54 मिलीं और अजित पवार को 40-42 सीटें मिलीं। ये नंबर असेंबली वाले ही हैं, है ना? वही मशीन, वही सेटिंग और वही पैसा। यही हमारी डेमोक्रेसी है। नंबरों में बिल्कुल भी बदलाव नहीं हुआ है। BJP ने मशीनें उसी तरह सेट की हैं। इसीलिए वही नंबर दिख रहे हैं। उन्हें कम से कम नंबर तो बदलने चाहिए थे।

उन्होंने कहा कि इस इलेक्शन में पैसों की बारिश हुई। उस बारिश से कौन बचेगा? हमारे उगाए और बोए हुए खेत भी उसके आगे झुक गए हैं। BJP और शिंदे ग्रुप 30 करोड़ रुपए के बजट वाली म्युनिसिपैलिटी पर 150 करोड़ रुपए खर्च कर रहे हैं।

राउत ने कहा कि अभी तक हमने म्युनिसिपल इलेक्शन में कैंपेनिंग के लिए हेलिकॉप्टर और प्राइवेट प्लेन का इस्तेमाल नहीं किया है। हमने ये इलेक्शन वर्कर्स पर छोड़ दिए थे, लेकिन यहां तो मुकाबला रूलिंग पार्टियों के अंदर था। मुकाबला हमारे साथ नहीं था।

पावर में बैठी 3 पार्टियां एक-दूसरे के खिलाफ खेलती रहीं। इससे बहुत सारा पैसा बना। इससे सचमुच पैसों की बारिश हुई। लोगों को भी पैसे से वोट देने की आदत हो गई है, संजय राउत ने अपना गुस्सा दिखाते हुए कहा।

जय पाटिल ने बारामती से लगातार चौथी बार जीत दर्ज

NCP (अजित पवार) के सिटी प्रेसिडेंट जय पाटिल ने बारामती नगर परिषद चुनाव में लगातार चौथी बार जीत दर्ज की है। उनके प्रतिद्वंद्वी को केवल 200 वोट मिले। जय पाटिल इससे पहले उपाध्यक्ष (डिप्टी मेयर) भी रह चुके हैं।

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