केरल की पहली महिला आईपीएस बीजेपी में शामिल हुईं, तीन हफ्ते तक सोचने के बाद लिया ये फैसला

तिरुवनन्तपुरम
 केरल की पहली महिला आईपीएस अधिकारी आर. श्रीलेखा ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया। 2020 में केरल फायर एंड रेस्क्यू सर्विस के महानिदेशक के पद से सेवानिवृत्त हुईं श्रीलेखा केरल की पहली महिला डीजीपी रैंक की अधिकारी भी थीं। श्रीलेखा एक लेखिका भी हैं। भाजपा में शामिल होने के बाद, श्रीलेखा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के करिश्मे ने उन्हें पार्टी में शामिल होने के लिए प्रेरित किया। मुझे भाजपा की विचारधारा पर भरोसा है।

उन्होंंने कहा कि मैं तीन हफ़्ते तक सोचने के बाद भाजपा में शामिल हो रही हूं। तीन हफ़्ते पहले भाजपा ने मुझसे पार्टी में शामिल होने के लिए संपर्क किया था। मैं सेवा में एक निष्पक्ष अधिकारी रही हूं। लेकिन सेवानिवृत्ति के बाद अपने अनुभव के आधार पर, मुझे एहसास हुआ कि लोगों की सेवा करने का यही सबसे अच्छा तरीका है। वहीं केरल बीजेपी अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने श्रीलेखा को एक बहादुर अधिकारी बताते हुए कहा कि पूर्व आईपीएस अधिकारी केरल से परिचित थीं और उन्होंने पुलिस में कई सुधार किए। उन्होंने पुलिस बल में महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी।

श्रीलेखा ऐसे समय में भाजपा में शामिल हुई हैं जब केरल में एडीजीपी एमआर अजीत कुमार की हाल के वर्षों में आरएसएस नेताओं के साथ बैठकों पर बहस हो रही है। वह पूर्व डीजीपी जैकब थॉमस के बाद सेवानिवृत्ति के बाद पार्टी में शामिल होने वाली दूसरी पूर्व आईपीएस अधिकारी हैं। फरवरी 2021 में भाजपा में शामिल होने के बाद, जैकब थॉमस ने इरिंजालकुडा विधानसभा क्षेत्र से राज्य विधानसभा चुनाव लड़ा था लेकिन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के आर. बिंदु से हार गए थे।

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1987 बैच की आईपीएस अधिकारी श्रीलेखा के अपने करियर के अंत में केरल की माकपा सरकार के साथ संबंध तनावपूर्ण हो गए थे। अपने सेवानिवृत्ति के दिन, उन्होंने डीजीपी-रैंक के अधिकारियों को दी जाने वाली औपचारिक विदाई पार्टी और गार्ड ऑफ ऑनर से परहेज किया था। तिरुवनंतपुरम की रहने वाली श्रीलेखा सिविल सेवा में शामिल होने से पहले एक कॉलेज लेक्चरर और एक बैंक अधिकारी थीं। उन्होंने विभिन्न जिलों में एसपी और बाद में डीआईजी और आईजी के रूप में कार्य किया। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर रहते हुए उन्होंने चार साल तक सीबीआई के साथ काम किया था। उन्होंने नौ पुस्तकें भी लिखी हैं।

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