राजस्थान-अजमेर में पुष्कर पशु मेले की छाई रौनक, रेतीले धोरों पर पहुंचे 1152 पशु

अजमेर.

अजमेर जिले के पुष्कर में लगने वाला अंतरराष्ट्रीय पशु मेला अब परवान चढ़ने लगा है। यूं तो पुष्कर पशु मेले की शुरुआत शनिवार 2 नवंबर से हो गई थी, इसके बाद से लगातार पशुओं की चौकियां लगना शुरू हो गई हैं और रेतीले धोरों पर पशुओं की रौनक देखी जा रही है। अंतर्राष्ट्रीय पुष्कर मेले में ऊंट, घोड़े, गाय, भैंस सहित अन्य पशु बिकने के लिए आते हैं। इस बार भी पुष्कर पशु मेले में एक से बढ़कर एक पशु बिकने के लिए आए हैं, जिनकी खरीद-फरोख्त भी शुरू हो गई है।

मेला मैदान पशुओं से गुलजार रहने लगा है, वहीं पशुपालकों को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में ग्राहक आएंगे और उनके पशुओं को खरीदेंगे। इसके साथ ही खरीददार भी अपनी पसंद के पशुओं को खरीदने के लिए पुष्कर पहुंच रहे हैं । गंगानगर से आए ऊंट पालक जगदीश ने बताया कि वे पिछले 5 सालों से पुष्कर मेले में आ रहे हैं। इस बार भी वे ऊंट लेकर आए हैं, उनके पास सांचौरी, जैसलमेरी, देशी ऊंट हैं, जो ग्राहकों को पसंद आते हैं। इन ऊंटों की कीमत 25 हजार से ढाई लाख रुपये तक है। उन्होंने अब तक एक दर्जन से अधिक ऊंट बेच दिए हैं। वहीं नोहर के ऊंट पालक सतपाल ने बताया कि वे भी पुष्कर मेले में ऊंट बेचने के लिए आए हैं और उन्हें उम्मीद है कि मेले में उनके सभी ऊंट बिक जाएंगे। पुष्कर पशु मेले में अब तक 1152 पशुओं की आमद दर्ज की गई है। पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. सुनील घीया ने बताया कि पुष्कर मेले में लगातार पशुओं की आमद जारी है। अब तक यहां 1152 पशु आए हैं, इनमें से 704 राजस्थान से तथा 448 राजस्थान से बाहर के पशु हैं। इन पशुओं में ऊंट वंश के कुल 462 में से 442 राजस्थान के तथा 20 राजस्थान से बाहर के हैं। इसी प्रकार अश्व वंश के कुल 689 पशुओं में से राजस्थान के 261 तथा राजस्थान से बाहर के 428 हैं तथा भैंस वंश की संख्या एक है। उल्लेखनीय है कि धार्मिक मेले की शुरुआत 9 नवंबर से होगी, जिसके अंतर्गत पुष्कर के मेला मैदान में विभिन्न प्रतियोगिताएं होंगी। साथ ही कार्तिक स्नान के साथ कई धार्मिक आयोजन भी होंगे।

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