यूपी में भ्रष्‍ट अफसरों की बढ़ने वाली है मुश्किलें, परफारमेंस की भी होगी जांच

लखनऊ

यूपी में भ्रष्‍ट अफसरों की अब खैर नहीं है। उनकी मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। योगी आदित्‍यनाथ सरकार ने प्रदेश भर से राज्‍य कर विभाग के सबसे भ्रष्‍ट और खराब छवि वाले अधिकारियों की लिस्‍ट मंगाई है। प्रमुख सचिव राज्य कर एम देवराज ने इस संबंध समीक्षा बैठक के दौरान सभी जोनल आयुक्तों और संयुक्त आयुक्तों को निर्देश दिए। हर जिले में सचल दल और विशेष जांच दल (एसआईबी) के एक-एक सर्वाधिक भ्रष्ट अफसर के नाम मांगे गए हैं।

ये भी पढ़ें :  अयोध्या में रामलला के दर्शन को पहुंचे इजरायली राजदूत, मंदिर निर्माण के लिए संघर्ष पर भी बोले

प्रमुख सचिव एम देवराज ने जोनवार समीक्षा करते हुए यूपी के सभी अपर आयुक्‍त ग्रेड-1 और अपर आयुक्‍त ग्रेड-2 (एसआईबी) को निर्देश दिए किए एसआईबी और सचल दल के सबसे भ्रष्‍ट और खराब छवि वाले अफसरों के नाम बताएं। उन्‍होंने परफार्मेंस के आधार पर भी लिस्‍ट मांगी है। इसे लेकर उन्‍होंने एसआईबी और सचल दल के लिए मानक भी जारी कर दिए हैं। इन मानकों पर खरा न उतरने वाले अधिकारियों की लिस्‍ट बनेगी। सबसे खराब प्रदर्शन वाले एक-एकअधिकारी का नाम शासन के पास भेजा जाएगा।

ये भी पढ़ें :  देवरिया में स्कूल से लौट रही 2 छत्राओं के साथ छेड़छाड़ की वारदात, घटना सीसीटीवी में कैद

अधिकारियों में मचा हड़कंप
सबसे भ्रष्‍ट, खराब छवि और प्रदर्शन वालों की लिस्‍ट मांगे जाने के बाद अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है। विभागों में इसे लेकर काफी चर्चा है। कहीं उनका नाम लिस्‍ट में न आ जाए इसे लेकर अधिकारी चिंता में हैं। कई लोगों का कहना है कि भ्रष्‍टाचार के मामलों में पहले से जांचें जारी हैं। हर साल अधिकारियों की गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) में भी इसका जिक्र किया जाता है। लेकिन सबसे ज्‍यादा भ्रष्‍ट और सबसे खराब प्रदर्शन कैसे तय होगा।

ये भी पढ़ें :  अब साहिल को भी चाहिए सरकारी वकील, परिवार ने झाड़ा पल्‍ला

इन मानकों से तय होगी परफार्मेंस
एसआईबी

-टैक्स कलेक्शन की स्थिति

– केस प्रोफाइल की गुणवत्ता

-रिपोर्ट भेजने और उसके स्तर की गुणवत्ता

-वाहन चेकिंग के सापेक्ष टैक्स केस

-ईवे बिल स्कैनिंग और टैक्स कलेक्शन

-50 हजार से कम के बिलों का संकलन व टैक्स कलेक्शन का असर

Share

क्लिक करके इन्हें भी पढ़ें

Leave a Comment