राजस्थान-जयपुर में मुख्यमंत्री ने की स्कूल शिक्षा विभाग की समीक्षा, ‘शिक्षा के क्षेत्र में राज्य को बनाएंगे मॉडल स्टेट’

जयपुर।

मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि विकसित राजस्थान के संकल्प को साकार करने में शिक्षा की अहम भूमिका है, क्योंकि आज के बच्चे ही भविष्य के नागरिक होते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के सभी विद्यार्थियों को उच्च गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए नवीन तकनीकों का उपयोग करने के साथ ही, खाली पदों पर भर्ती तथा स्कूलों में कक्षा-कक्षों का निर्माण कराने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

शर्मा ने कहा कि हम नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति को अधिक प्रभावी ढंग से लागू करने तथा शिक्षा के क्षेत्र में राजस्थान को मॉडल स्टेट बनाने हेतु विभिन्न स्तरों पर कार्य कर रहे हैं। मुख्यमंत्री सोमवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में आयोजित स्कूल शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने अधिकारियों को विभागीय बजट घोषणाओं को त्वरित गति से पूरा करने के लिए निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में शिक्षण कार्य सुचारू रूप से चले इस हेतु सत्र के प्रारंभ में ही विद्यार्थियों को लगभग साढ़े 3 करोड़ पाठ्यपुस्तकों का निःशुल्क वितरण किया गया है तथा कक्षा 1 से 8 के समस्त विद्यार्थियों एवं 9 से 12 तक की बालिकाओं को स्कूल बैग भी दिए जाएंगे। श्री शर्मा ने कहा कि आगामी माह में 1 लाख 25 हजार बालिकाओं को साइकिल वितरित की जाएगी।

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लगभग साढ़े 20 हजार पदों पर दी गई नियुक्तियां—
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सभी विद्यालयों में शिक्षण की गुणवत्ता बेहतरीन करने हेतु सरकार खाली पदों पर भर्ती कर रही है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार में अब तक लगभग साढ़े 20 हजार पदों पर नियुक्तियां दी जा चुकी हैं तथा लगभग 18 हजार पदों पर पदोन्नति की गई है। प्राध्यापक स्कूल शिक्षा, पुस्तकालयाध्यक्ष ग्रेड 2 एवं ग्रेड 3 तथा वरिष्ठ अध्यापक के कुल 5 हजार से अधिक पदों पर भर्ती प्रक्रियाधीन है। साथ ही, विभिन्न संवर्गों में चयनित 515 अभ्यर्थियों को दिसम्बर माह में नियुक्तियां दे दी जाएंगी। उन्होंने अधिकारियों को रिक्त पदों पर चरणबद्ध रूप से भर्ती करने के निर्देश दिए।

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विद्यार्थियों की संख्या के आधार पर विद्यालयों में लगाए जाएं शिक्षक—
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य के सभी स्कूलों में शिक्षकों और विद्यार्थियों की संख्या का सर्वे करवाकर विद्यार्थियों की संख्या के अनुपात में शिक्षकों की नियुक्ति की जाए। उन्होंने कहा कि राज्य के सरकारी एवं निजी विद्यालयों के ड्रेस कोड में एकरूपता लाई जाए। मुख्यमंत्री ने स्कूलों में कक्षा कक्षों तथा बालिका विद्यालयों में शौचालयों की स्थिति का भौतिक सत्यापन कर आवश्यकतानुसार उनकी मरम्मत और नव निर्माण करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि भौतिक सत्यापन के कार्य में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। श्री शर्मा ने विद्यालयों में सुरक्षा और अनुशासन बनाए रखने की दृष्टि से चरणबद्ध रूप से सीसीटीवी कैमरे लगवाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस कार्य में भामाशाहों का भी सहयोग लिया जाए। बैठक में शासन सचिव स्कूल शिक्षा श्री कृष्ण कुणाल ने मुख्यमंत्री को स्कूल शिक्षा विभाग की विभिन्न उपलब्धियों और नवाचारों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट के तहत विभाग को 12 हजार 400 करोड़ रूपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। हरियालो राजस्थान तथा एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत विभाग द्वारा रिकॉर्ड संख्या में वृक्षारोपण किया गया। साथ ही राज्य के 1.34 करोड़ विद्यार्थियों ने सूर्य नमस्कार कर विश्व रिकॉर्ड बनाया। इसके अतिरिक्त, विभाग द्वारा शाला स्वास्थ्य सर्वेक्षण प्रखर राजस्थान रीडिंग कैम्पेन, पीएमश्री विद्यालय, शाला सम्बलन एप, खेल प्रतियोगिता एवं ई-पाठशाला कार्यक्रम सहित अन्य नवाचार भी किए जा रहे हैं। इस अवसर पर स्कूल शिक्षा मंत्री श्री मदन दिलावर, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त श्री अखिल अरोड़ा, अतिरिक्त मुख्य सचिव (मुख्यमंत्री) श्री शिखर अग्रवाल, राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा अभियान श्री अविचल चतुर्वेदी, निदेशक माध्यमिक शिक्षा श्री आशीष मोदी सहित स्कूल शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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