जीवन में खुशहाली लाती है अपरा एकादशी, जानिए इसका महत्व और कथा

हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित है। हर माह में दो बार एकादशी का व्रत रखा जाता है, एक कृष्ण और दूसरा शुक्ल पक्ष में। प्रत्येक महीने में आने वाली एकादशी व्रत को अलग-अलग नामों के जाना जाता है। ऐसे ही ज्येष्ठ माह में आने वाली एकादशी को अपरा एकादशी के नाम से जाना जाता है। अपरा एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति को अपार धन की प्राप्ति होती है। साथ ही उसे हर कार्य में अपार सफलता मिलती है। तो आइए जानते हैं कि इस बार अपरा एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा और पूजा के लिए शुभ मुहूर्त क्या रहेगा।
अपरा एकादशी व्रत 2025 डेट और और मुहूर्त

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पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि का आरंभ 23 मई को रात 1 बजकर 12 मिनट पर होगा। एकादशी तिथि समाप्त 23 मई को रात 10 बजकर 29 मिनट पर होगा। अपरा एकादशी का व्रत 23 मई 2025 को रखा जाएगा।  एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह सुबह 4 बजकर 4 मिनट सुबह 4 बजकर 45 मिनट तक रहेगा।
अपरा एकादशी 2025 पारण का समय

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अपरा एकादशी का पारण 24 मई को किया जाएगा। बता दें कि पारण का अर्थ है कि व्रत खोलना। अपरा एकादशी का पारण करने का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 1 मिनट से सुबह 8 बजकर 39 मिनट तक रहेगा। पारण तिथि के दिन द्वादशी तिथि समाप्त होने का समय शाम 7 बजकर 20 मिनट रहेगा। बता दें कि एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि समाप्त होने से पहले करना होता है। अगर द्वादशी तिथि सूर्योदय से पहले समाप्त हो गई है तो एकादशी व्रत का पारण सूर्योदय के बाद ही होता है। द्वादशी तिथि के में पारण न करना पाप करने के समान माना जाता है।
अपरा एकादशी व्रत का महत्व

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अपरा एकादशी के दिन व्रत रखने और भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। अपरा एकादशी दिन प्रभु नारायण के साथ मां लक्ष्मी की भी पूजा करें। ऐसा करने से व्यक्ति धन-धान्य में भी वृद्धि होती है और उसे कभी किसी भी चीज की कमी नहीं होती है।

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