नेहा शर्मा, नई दिल्ली, 12 फ़रवरी, 2023
नई दिल्ली। देश के कई राज्यों के राज्यपाल बदले गए हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी का इस्तीफा मंजूर कर लिया है। अब झारखंड के गवर्नर रमेश बैस महाराष्ट्र के नए राज्यपाल बनाए गए हैं। इनके अलावा 12 राज्यों में राज्यपाल और उप-राज्यपाल बदले गए हैं। भगत सिंह कोश्यारी ने पिछले साल नवंबर में अमित शाह को चिट्ठी लिखकर अपने पद से इस्तीफा देने की इच्छा जाहिर की थी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दो राज्यपालों का इस्तीफा मंजूर किया है। जिनमें भगत सिंह कोश्यारी के अलावा लद्दाख के उप-राज्यपाल राधाकृष्ण माथुर का नाम भी शामिल है।
इन राज्यों में भी राज्यपाल और उप-राज्यपाल बदले गए…
लेफ्टिनेंट जनरल कैवल्य त्रिविक्रम परनाइक (राज्यपाल अरुणाचल प्रदेश)
लक्ष्मण प्रसाद आचार्य (राज्यपाल सिक्किम)
सीपी राधाकृष्णन (राज्यपाल झारखंड)
गुलाब चंद कटारिया (राज्यपाल असम)
शिव प्रताप शुक्ला (राज्यपाल हिमाचल प्रदेश)
रिटायर्ड ब्रिगेडियर डॉ. बीडी मिश्रा (उप-राज्यपाल लद्दाख)
रिटायर्ड जस्टिस एस अब्दुल नजीर (राज्यपाल आंध्र प्रदेश)
एलए गणेशन (राज्यपाल नगालैंड)
फागू चौहान (राज्यपाल मेघालय)
राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर (राज्यपाल बिहार)
बिस्वा भूषण हरिचंदन (राज्यपाल छत्तीसगढ़)
अनुसुइया उइके (राज्यपाल मणिपुर)
CG के नए राज्यपाल के बारे में पूरी बात
विश्व भूषण हरिचंदन को छत्तीसगढ़ का नया राज्यपाल बनाया गया है। वहीं अनुसुइया उइके को मणिपुर भेजा गया है। झारखंड के नए राज्यपाल हरिचंदन वरिष्ठ राजनेता रहे हैं और आंध्र प्रदेश के 23वें राज्यपाल थे। विश्वभूषण हरिचंदन ओड़िशा से 5 बार विधायक रह चुके है। वह मंत्री भी रहे है। विश्वभूषण हरिचंदन का जन्म 3 अगस्त 1934 को हुआ था।
वो छत्तीसगढ़ के 7वें राज्यपाल बनाए गए हैं। हरिचंदन आंध्र प्रदेश के 24 जुलाई 2019 – 12 फरवरी 2023 तक राज्यपाल रहे। वो ओडिशा विधानसभा से 5 बार विधायक रहे हैं। भुवनेश्वर सेंट्रल से 1997-2009 चुनाव जीते, वहीं चिलका विधानसभा से 1977-1980 विधायक रहे।
देश के राजनीति में हरिचंदन की पहचान राजनीतिज्ञ, वकील और लेखक की रही है। वो कृष्णा विश्वविद्यालय में चांसलर थे। बी हरिचंदन 2004 से 2009 तक ओडिशा सरकार में कानून, राजस्व और मत्स्य मंत्रालय के मंत्री रहे हैं। वो कलिंग रत्न पुरस्कार 2021 से सम्मानित हो चुके हैं।
हरिचंदन 1971 में भारतीय जनसंघ में शामिल हुए और 1977 में जनता पार्टी के गठन तक इसके राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्य और इसके राज्य महासचिव बने। आपातकाल के दौरान उन्हें मीसा अधिनियम के तहत हिरासत में लिया गया था। 1980 में भाजपा के गठन के बाद , जनता दल के साथ हाथ मिलाने से पहले 1988 तक उन्हें राज्य का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। 1996 में वे वापस भाजपा में चले गए।
हरिचंदन पांच बार ओडिशा राज्य विधान सभा के लिए चुने गए थे। 1977 के विधानसभा चुनावों में चिल्का विधानसभा से भाजपा के सदस्य के रूप में शुरुआत करते हुए।