बिलासपुर.
गैंगस्टर अमन साहू की याचिका पर बिलासपुर हाईकोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने झारखंड विधानसभा चुनाव में चुनाव लड़ने की मांग को अस्वीकार किया। बड़कागांव विधानसभा क्षेत्र से नामांकन दायर करने की मांग को हाईकोर्ट लेकर पहुंचे थे। सुनवाई जस्टिस सचिन सिंह राजपूत की सिंगल बेंच में हुई। अमन साहू का लॉरेंस विश्नोई गैंग से कनेक्शन का भी मामला सामने आया है।
कुख्यात गैंगस्टर और लॉरेंस बिश्नोई गैंग से कनेक्शन का आरोपी अमन साहू झारखंड विधानसभा चुनाव लड़ेगा। बड़कागांव से कांग्रेस की प्रत्याशी अंबा प्रसाद के खिलाफ अमन साहू चुनाव लड़ेगा। अमन साहू इन दिनों छत्तीसगढ़ पुलिस की गिरफ्त में है और वो जेल से ही चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। बड़कागांव विधानसभा सीट से गैंगसटर अमन साहू की ओर से पर्चा दाखिल करने के लिए बुधवार को नामांकन फॉर्म खरीदा कया गया। अमन साहू के नाम पर अधिवक्ता विधान चंद्र और संजय घोष ने नामांकन पर्चा खरीदा। नामांकन फार्म खरीदने के दौरान अमन साहू की मां और जीजा भी मौजूद थे।
कौन है अमन साहू?
रांची के एक छोटे से गांव मलबे के रहने वाले अमन साहू के खिलाफ 100 से अधिक मामले दर्ज हैं। जानकारों का कहना है कि अमन पहले एक हार्डकोर माओवादी था। बाद में उसने 2013 में अपना खुद का गैंग बनाया था। करीब ढाई साल पहले कोरबा में अमन साहू के गैंग के सदस्यों ने बर्बरीक ग्रुप पर फायरिंग की थी। उस समय रायपुर के शंकर नगर इलाके में एक कंपनी के पार्टनर के घर के बाहर गोली चलाकर धमकी दी गई थी। आरोप है कि अमन साहू ने अपने कुछ शूटर रायपुर भेजे थे, और उसकी हिट लिस्ट में शहर के कई व्यापारियों के नाम शामिल थे। इस घटना के बाद रायपुर पुलिस ने इस गैंग के 4 सदस्यों को गिरफ्तार किया था।
लॉरेंस बिश्नोई गैंग अमन का कनेक्शन ?
13 जुलाई 2024 को रायपुर के तेलीबांधा इलाके में एक बिल्डर के कार्यालय पर फायरिंग हुई थी, जिसका आरोप भी अमन साहू गैंग पर ही लगाया गया है। बताया जाता है कि अमन साहू का फेसबुक अकाउंट ‘अमन सिंह’ नाम का व्यक्ति कनाडा से ऑपरेट करता है, जबकि एक अन्य अकाउंट ‘सुनील राणा’ नाम का व्यक्ति मलेशिया से देखता है। अमन खुद को कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का करीबी बताता है। कहा जाता है कि वह बिश्नोई को गुर्गे सप्लाई करता था और बदले में हाईटेक हथियार प्राप्त करता था। अमन को महंगे कपड़ों का भी शौक है। माना जा रहा है कि अमन साहू से पूछताछ के बाद और भी कई गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
एनआईए कर चुकी है छापेमारी
इसी साल जनवरी में एनआईए ने टेरर फंडिंग मामले में अमन साहू के रांची और हजारीबाग जिले में तीन ठिकानों पर करीब छह घंटे तक छापेमारी की थी। इस दौरान एक एसयूवी, सीसीटीवी का डीवीआर और बैंक ट्रांजैक्शन से जुड़े कागजात जब्त किए। उस समय अमन साहू पलामू जेल में बंद था, लेकिन उसका टेरर नेटवर्क झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़ सहित कई राज्यों में बेखौफ तरीके से संचालित हो रहा है। हाल के महीनों में उसके गैंग से जुड़े कई अपराधियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। एटीएस की जांच के दौरान ये बात भी सामने आ चुकी है कि उसके संबंध कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से हैं।