दिसपुर
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि पिछले चार साल में असम में पर्यटन में बेहतरीन वृद्धि हुई है और पिछले चार साल में तीन करोड़ से ज़्यादा घरेलू पर्यटक असम आए हैं। सीएम सरमा ने कहा कि पर्यटकों की बढ़ती संख्या भारत में एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में असम की बढ़ती लोकप्रियता को दर्शाती है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, प्राकृतिक सुंदरता और बेहतर बुनियादी ढांचे ने पर्यटकों को आकर्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
असम बना पर्यटकों के लिए पसंदीदा राज्य
उन्होंने कहा, “असम एक पसंदीदा पर्यटन स्थल बन गया है, जो पूरे देश से पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है।” सरमा ने कहा कि घरेलू पर्यटकों के अलावा 2021 से अब तक 60,000 से ज़्यादा विदेशी पर्यटकों ने असम का दौरा किया है। अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों की बढ़ती आमद पर्यटन क्षेत्र में राज्य की वैश्विक मौजूदगी को और भी ज़्यादा दिखाती है।
काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिजर्व में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के बाद पर्यटकों की संख्या में भारी वृद्धि
मुख्यमंत्री ने इस वृद्धि के लिए कनेक्टिविटी बढ़ाने, सांस्कृतिक स्थलों को संरक्षित करने और इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कई सरकारी पहलों को श्रेय दिया। अपने हरे-भरे परिदृश्यों, काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान जैसे वन्यजीव अभ्यारण्यों और जीवंत त्योहारों के साथ असम लगातार देश में शीर्ष पर्यटन स्थल के रूप में पहचान बना रहा है। सरमा ने पहले कहा था कि पिछले साल यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिजर्व (केएनपीटीआर) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के बाद पर्यटकों की संख्या में भारी वृद्धि देखी गई है।
पीएम मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में एक रात बिताई है
पीएम मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में एक रात बिताई है। उन्होंने लोकसभा चुनाव शुरू होने से पहले मार्च के महीने में वहां का दौरा किया था। उन्होंने पार्क में हाथी और जीप सफारी का आनंद लिया। उन्होंने वन कर्मचारियों से भी बातचीत की और उन्हें पर्यटकों की संख्या बढ़ाने के लिए कई सुझाव दिए।
असम सरकार ने हाल ही में काजीरंगा में एक लक्जरी होटल स्थापित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं
मुख्यमंत्री ने कहा, “हाल के दिनों में, असम में पर्यटकों की संख्या में रिकॉर्ड वृद्धि देखी गई है, खासकर काजीरंगा में, जब प्रधानमंत्री मोदी विश्व धरोहर स्थल पर रात भर रुके थे।” असम सरकार ने हाल ही में काजीरंगा में एक लक्जरी होटल स्थापित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। सरमा ने दावा किया कि यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल में पर्यटकों की आमद बढ़ाने के लिए यह पहल की गई है।
असम की हिमंत सरकार ने विज्ञापनों पर किए खर्च
असम में भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने भी विज्ञापन पर जमकर खर्च किया है. राज्य के सूचना और जनसंपर्क मंत्री पीयूष हजारिका ने आज विधानसभा को बताया कि मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की सरकार ने पिछले चार वित्तीय सालों में विज्ञापनों पर 370 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए हैं.
हजारिका ने कहा कि साल 2016 से 2021 तक असम के मुख्यमंत्री रहे सर्बानंद सोनोवाल की अगुवाई वाली राज्य सरकार ने 2016-17 से 5 वित्तीय सालों में विज्ञापनों पर 125.6 करोड़ रुपये खर्च किए थे.
पहले साल सरमा सरकार ने किए 73 करोड़ खर्च
कांग्रेस विधायक अब्दुल बातिन खांडाकर की ओर से पूछे गए सवाल पर अपने लिखित जवाब में हजारिका ने कहा कि वर्तमान भारतीय जनता पार्टी सरकार ने 2021-22 से पिछले चार वित्तीय सालों के दौरान प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और आउटडोर मीडिया में विज्ञापनों पर कुल 372.33 करोड़ रुपये खर्च किए हैं.हिमंत बिस्वा सरमा ने मई 2021 में बीजेपी की अगुवाई वाली दूसरी असम सरकार के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला.
बीजेपी के दोनों कार्यकाल के लिए साझा किए गए वर्षवार आंकड़ों से पता चला है कि 2020-21 में सोनोवाल सरकार ने 30.24 करोड़ रुपये खर्च किए थे, जबकि सरमा की ओर से राज्य में एनडीए सरकार के दूसरे कार्यकाल में पदभार संभालने के बाद अगले साल 72.83 करोड़ रुपये खर्च किए गए.
असम में विज्ञापनों पर खर्च बढ़ता गया
विधानसभा को जानकारी दी गई कि इसके बाद की अवधि में, सरमा सरकार की ओर से हर साल विज्ञापन के खर्च में बढ़ोतरी की जाती रही. अगले साल 2022-23 में खर्च बढ़कर 78.85 करोड़ रुपये हो गया जबकि 2023-24 में यह वृद्धि 160.92 करोड़ रुपये की हो गई.
हजारिका ने सदन को बताया कि जारी वित्त वर्ष 2024-25 में अब तक सरकार द्वारा अलग-अलग प्रकार के विज्ञापनों के लिए 59.72 करोड़ रुपये का उपयोग किया गया है.
निर्दलीय विधायक अखिल गोगोई के एक सवाल के जवाब मंत्री हजारिका ने कहा कि असम सरकार ने 2015-16 में विज्ञापनों पर 18.58 करोड़ रुपये खर्च किए थे, जो पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के कार्यकाल का अंतिम वित्तीय वर्ष था, जिसके बाद बीजेपी की सरकार आई और सोनोवाल ने उनकी जगह ली थी. अगले ही साल सोनोवाल सरकार का विज्ञापन खर्च बढ़कर 26.88 करोड़ रुपये हो गया.