RTI से बड़ा खुलासा : कर्मचारियों की भारी कमी से जूझ रही सिविल एविएशन सिक्योरिटी एजेंसी

अहमदाबाद

अहमदाबाद में हुए एअर इंडिया विमान हादसे के बाद हवाई यात्रा की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल पैदा हुए हैं. 12 जून को हुए इस हादसे में 260 लोगों की मौत हो गई थी और शुरुआती जांच में टेकऑफ के तुरंत बाद प्लेन की दोनों इंजन के बंद होने की बात सामने आई है. इस बीच इंडिया टुडे की ओर से दायर की आरटीआई के जवाब में खुलासा हुआ है कि नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) में कर्मचारियों की भारी कमी से जूझ रहा है.

चार साल से 30% पद खाली

एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक सिविल एविएशन सिक्योरिटी ब्यूरो में स्वीकृत पदों के बावजूद सैकड़ों पद खाली हैं. साथ ही बीते तीन साल में खाली पदों को भरने की दिशा में बहुत कम सुधार हुआ है. सिक्योरिटी ब्यूरो में खाली पदों की दर लगातार चार साल से 30 फीसदी से भी ज्यादा है. यह जानकारी इंडिया टुडे को सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत मिली है.

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अहमदाबाद में हाल ही में हुए एअर इंडिया विमान हादसे ने इन खुलासों को काफी अहम बना दिया है, जो भारत की सिविल एविएशन इंडस्ट्री की सुरक्षा के लिए ज़िम्मेदार इस एजेंसी की महत्वपूर्ण कमजोरियों को बताते हैं. इंडिया टुडे की ओर से आरटीआई के तहत हासिल आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 30 जून, 2025 तक, बीसीएएस में 598 स्वीकृत पद हैं, लेकिन सिर्फ 371 ही भरे गए हैं, जिससे 227 पद रिक्त हैं. कई वर्षों से ब्यूरो में कर्मचारियों की शॉर्टेज बनी हुई है.

जून 2025 तक 227 पद खाली

थोड़े-बहुत बदलाव के बावजूद खाली पदों की दर कम से कम तीन साल से 30 फीसदी के ऊपर बनी हुई है. यानी, हर दस सुरक्षा पदों पर कम से कम तीन रिक्त पद हैं. नवीनतम आंकड़ों (जून 2025) के मुताबिक फिलहाल 227 रिक्त पद हैं, जो पिछले चार साल में सबसे ज्यादा हैं. यह सिर्फ छह महीने पहले की तुलना में चिंताजनक वृद्धि है.

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सिक्योरिटी ब्यूरो में लगातार स्वीकृत पदों (595 से 598) में बढ़ोतरी हुई है, बावजूद इसके भरे गए पदों की संख्या में कमी आई है. इससे पता चलता है कि बढ़ती सुरक्षा जरूरतों के मुताबिक भर्ती प्रक्रिया पिछड़ रही है. लगभग हर पांच में से दो पद खाली हैं, इसलिए वर्तमान कर्मचारियों पर संभवतः काम का बहुत ज्यादा बोझ है, जिसका असर इमरजेंसी प्रतिक्रिया से लेकर नियमित निरीक्षण तक, हर चीज पर पड़ सकता है.

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हवाई सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल

ये आंकड़े सिर्फ नौकरशाही के फ़ुटनोट नहीं, बल्कि एक व्यवस्थागत समस्या की तरफ इशारा करते हैं. एयर ट्रैफिक बढ़ने और नए खतरों के सामने आने के साथ, बीसीएएस की क्षमता की परीक्षा हो रही है. इन खुलासों से एक अहम सवाल उठता है कि क्या भारत का सिविल एविएशन इतने सारे कर्मचारियों की गैरमौजूदगी में काम कर सकता है?

हाल ही में अहमदाबाद में हुए एअर इंडिया हादसे ने विमानन सुरक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ा दी है, लेकिन आरटीआई के नतीजे एक गंभीर और सतत मुद्दे की ओर इशारा करते हैं. इससे साफ है कि भारत की अहम एविएशन सिक्योरिटी एजेंसी कर्मचारियों की भारी कमी से जूझ रही है.

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