उर्वशी मिश्रा, रायपुर, 12 अगस्त, 2023
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजधानी के टिकरापारा स्थित नरैय्या तालाब के पास नवनिर्मित रजक गुड़ी(शहरी औद्योगिक पार्क) का किया लोकार्पण। मुख्यमंत्री ने रजक समाज को लोगों को दी बधाई। रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा 69 लाख रुपये की लागत से तैयार हाईटेक रजक गुड़ी में परंपरागत रूप से कपड़े की धुलाई व प्रेस करने के काम में जुटे रजक समाज को आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होगी।
शहीद वीरनारायण सिंह जी की प्रतिमा का अनावरण
स्वाधीनता आंदोलन में अग्रणी रहे शहीद वीरनारायण सिंह जी की भव्य प्रतिमा जयस्तंभ चौक में स्थापित की गई है। ग्राम थनौद के मूर्तिकार राधेश्याम चक्रधारी व लव चक्रधारी ने इस प्रतिमा का निर्माण किया है। यह कांस्य प्रतिमा 15 फीट ऊंची व 02 टन वजन की है। प्रतिमा निर्माण व सौंदर्यीकरण कार्य की कुल लागत लगभग 51 लाख रूपए है।
सीएसपीडीसीएल की 112 करोड़ की कार्य योजनाओं का शुभारंभ
सीएसपीडीसीएल द्वारा 109 करोड़ रूपए की लागत से प्रस्तावित अंडरग्राउंड केबलिंग व विद्युतीकरण कार्य का शिलान्यास आज किया गया हैं। इस कार्य के पूरा हो जाने से सड़कों पर फैले तार अंडरग्राउंड होंगे, जिससे शहरों को सुव्यवस्थित व सुंदर स्वरूप में विकसित करने में सहायता मिलेगी। इसके अलावा मठपुरैना व आईएसबीटी में 03 करोड़ रूपए की लागत से अतिरिक्त सब-स्टेशन व ट्रांसफार्मर स्थापना का कार्य का लोकार्पण हुआ है। अब इस क्षेत्र के निवासियों को निर्बाध बिजली आपूर्ति उपलब्ध होगी।
शहरी औद्योगिक पार्क “रजक गुड़ी” का लोकार्पण
परंपरागत रूप से कपड़े की धुलाई व प्रेस करने के काम में जुटे रजक समाज को उनके व्यवसाय से जुड़ी आधुनिक सुविधाएं सुलभ कराने के उद्देश्य से रायपुर स्मार्ट सिटी लि. द्वारा शहर के मध्य स्थित नरैया तालाब में राशि 69 लाख रूपए की लागत से स्थापित शहरी औद्योगिक पार्क “रजक गुड़ी” का लोकार्पण हुआ है। इस परिसर में मैनुअल के साथ-साथ आटोमेटिक इलेक्ट्रिकल वॉशिंग मशीन लगाई गई है, जिसमें 25-25 कि.ग्रा. के 02 कपड़े निचोड़ने वाली एक्सपेक्टर मशीन, 60 कि.ग्रा. क्षमता की 01 वॉशर तथा 50 कि.ग्रा. क्षमता वाली 01 ड्रायर मशीन स्थापित की गई है। परंपरागत व्यवसाय से जुड़े धोबी समाज के परिवारों को परंपरागत व्यवसाय के साथ ही उनके रोजगार सृजन की व्यवस्था इस पार्क में की गई है, जिसके अंतर्गत कपड़ा धोने के लिए साबुन और डिटर्जेंट बनाने का भी प्रशिक्षण इन परिवारों को दिया जाएगा। इस रोजगारोन्मुखी योजना का लाभ इस तालाब से जुड़कर परंपरागत व्यवसाय कर रहें धोबी समाज के लगभग 100 से अधिक परिवारों को प्राप्त होगा।