मेरठ में सेंट्रल मार्केट में कॉम्प्लेक्स धराशायी, 22 सेकंड में दुकाने मलबे में तब्दील

मेरठ

मेरठ के सेंट्रल मार्केट में कॉम्प्लेक्स के ध्वस्तीकरण के दौरान सुबह 11:51:58 बजते ही कुछ ही पलों में दुकानें धराशाई हो गई। इसके साथ ही प्रभावित दुकानदारों के सपने भी उजड़ गए। पहले दिन की कार्रवाई के बाद खंडहर दिख रहीं दुकानें पल भर में ही मलबे में तब्दील हो गईं।

धूल का गुबार ऐसा उठा कि आसपास मौजूद व्यापारियों, पुलिस की टीमों सहित अन्य लोगों को वहां से 500 मीटर दूर तक जाना पड़ा। धूल पर नियंत्रण के लिए पानी छिड़का गया।

जमींदोज करने से चंद सेकंड पहले ही हाइड्रा जेसीबी मशीन चालक ने आखिरी पिलर पर चोट की और अचानक वाहन तेजी के साथ पीछे कर दिया। यह देख आसपास के लोग घबरा गए और पूछा क्या हुआ तो चालक बोला… चिंता की बात नहीं, बस हो गया। उसके इतना कहते ही कॉम्प्लेक्स भरभराकर गिर गया।

मेरठ के शास्त्रीनगर की सेंट्रल मार्केट में दूसरे दिन हाइड्रा एवं जेसीबी ड्रिल मशीन से 22 सेकंड में अवैध कॉम्प्लेक्स (661/6) को जमींदोज कर दिया गया। आक्रोशित व्यापारियों ने अनिश्चितकाल के लिए सेंट्रल मार्केट बंद करा दी।

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व्यापारियों ने कहा कि अन्य कोई निर्माण नहीं तोड़े जाने का आश्वासन मिलने के बाद ही धरना-प्रदर्शन खत्म किया जाएगा। मलबा हटाने के लिए तीन जेसीबी मशीनें लगाई गई हैं।

रविवार को दूसरे दिन भी शास्त्रीनगर के सेंट्रल मार्केट में अवैध कॉम्प्लेक्स को जमींदोज करने के लिए भारी पुलिस बल के बीच बैरिकेडिंग कर सुबह 10 बजे से काम शुरू किया गया। शाम चार बजे तक करीब 80 फीसदी हिस्सा जमींदोज कर दिया गया।
 
बराबर की अन्य दुकानों और घरों को नुकसान होने की आशंका के चलते अलंकार साड़ीज की तीन मंजिला दुकान को पूरी तरह नहीं गिराया गया।
 
अवैध कॉम्प्लेक्स जमींदोज होने पर सेंट्रल मार्केट के पांच व्यापारिक संगठनों ने एकजुटता का आह्वान कर अनिश्चितकाल के लिए बाजार बंद कर प्रदर्शन किया। टोलियों में व्यापारी बाजारों में घूमे और खुली दुकानों को बंद कराया।
 
बाद में धरना शुरू करते हुए सभी व्यापारियों ने मांग की कि जिला प्रशासन उन्हें लिखित में अन्य दुकानों को नहीं तोड़ने का आश्वासन दे। इस दौरान जनप्रतिनिधियों को लेकर भी उनका गुस्सा फूटा और उनके खिलाफ नारेबाजी की। व्यापारियों ने शाम को काली पट्टी बांधकर जुलूस भी निकाला।

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मलबे के बीच खड़ी खंडहर दुकान पर अब चलेगा हथौड़ा
मेरठ में सेंट्रल मार्केट में भूखंड संख्या 661 पर अवैध कॉम्प्लेक्स का बड़ा हिस्सा भरभराकर गिरते ही जमीन और आसपास के भवन भी दहल गए। गिरे हुए मलबे के बीच अलंकार साडीज की खंडहर दुकान पर हाइड्रा जेसीबी चलाने से रोक दिया गया। आशंका थी कि इससे पड़ोस के आवासीय भवनों को नुकसान पहुंच सकता है।
 
आवास विकास परिषद के अधिकारियों ने सबसे पहले जेसीबी और हाइड्रा जेसीबी से कॉम्प्लेक्स का पूर्वी और दक्षिणी हिस्से पर वार किया गया और दुकानों को ढहाया गया। रविवार को इमारत भरभराकर गिरकर मलबे में तब्दील हो गई। इसके बाद जैसे ही कर्मचारियों ने अलंकार साडीज की दुकान को ध्वस्त करने का प्रयास किया तो कुछ व्यापारियों और पुलिस ने रोक दिया। तर्क दिया गया कि बिल्डिंग पूरी तरह हिल चुकी है।

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बराबर में भूखंड संख्या 662 पर आवास है। अगर मलबा इस आवास पर गिर गया तो भारी नुकसान हो सकता है। इसके बाद यह निर्णय लिया गया कि इस तीन मंजिला दुकान के खंडहर को अब मजदूरों से हथौड़ा व अन्य औजारों से तुड़वाया जाएगा। पुलिस ने पड़ोसी मकान से भवन स्वामी सुभाष के परिवार को पहले ही निकाल दिया था। हालांकि दिन में एक-दो बार कुछ लोग मकान के गेट पर दिखाई भी दिए।

मलबा उठाने में लगेगा समय
आवास एवं विकास परिषद के अधीक्षण अभियंता राजीव कुमार का कहना है कि कॉम्प्लेक्स का मलबा उठाने में अभी कुछ दिन का समय लगेगा। धूल और गुबार को नियंत्रित करने के लिए पानी का छिड़काव किया जा रहा है।

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