PFI को लेकर ED के बड़े खुलासे, चंदा वसूलकर देश में आतंकवाद को बढ़ावा

 नई दिल्ली
 प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के सिंगापुर और खाड़ी देशों जैसे कुवैत, ओमान, कतर, सऊदी अरब और यूएई में 13 हजार से अधिक सक्रिय सदस्य हैं। ईडी ने बताया कि पीएफआई ने खाड़ी देशों में रहने वाले प्रवासी मुस्लिमों के लिए जिला कार्यकारी समितियां (डीईसी) बनाई हैं।

इन समितियों को फंड जुटाने का काम सौंपा गया है। प्रत्येक डीईसी को कई करोड़ रुपये फंड जुटाने का लक्ष्य दिया गया है। विदेश से जुटाए गए फंड को गई धनराशि को बैंकिंग चैनलों के साथ-साथ हवाला चैनलों के माध्यम से भारत में ट्रांसफर किया गया था, ताकि उनके स्त्रोत का पता न लगाया जा सके।

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के नेटवर्क को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। ईडी समेत विभिन्न एजेंसियों की जांच में सामने आया है कि पीएफआई की जड़ें भारत के कई राज्यों के साथ-साथ विदेशों तक फैली हुई हैं। इसके अलावा इसके पैसे के स्रोत को लेकर भी बड़ी जानकारियां सामने आई हैं। इस संगठन के खिलाफ जांच 2022 में शुरू हुई थी। इसका सिलसिला शुरू हुआ था दिसंबर 2020 से। तब ईडी ने कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया के महासचिव केए रऊफ शेरिफ को गिरफ्तार किया था। इस गिरफ्तारी के बाद पीएफआई के नेटवर्क के बारे में कई जानकारियां सामने आईं। यह संगठन भारत और विदेशों में धन इकट्ठा कर रहा है और देश में आतंकी गतिविधियों के लिए इसका इस्तेमाल कर रहा है।

चार साल की जांच के बाद ईडी द्वारा तैयार डोजियर में कई जानकारियां सामने आई हैं। इसमें केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, दिल्ली, राजस्थान, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल, असम, जम्मू कश्मीर और मणिपुर में इसके सदस्य और ऑफिस होने की बात सामने आई है। ईडी के डोजियर के अनुसार, 2022 की जुलाई में संगठन द्वारा पीएम मोदी पर हमले का असफल प्रयास हुआ। इसके बाद इस पर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत प्रतिबंधित कर दिया गया। इस सिंगापुर और पांच खाड़ी देशों में कम से कम 13,000 सदस्य हैं। यहां से अज्ञात लोगों से कैश लिया जाता है और हवाला के जरिए से भारत भेजा जाता है।

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इन पैसों को ट्रस्टों और संबद्ध संस्थाओं के 29 बैंक खातों में जमा किया गया। पिछले कुछ साल में ईडी ने भारत से पीएफआई के 26 शीर्ष पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया। इसके बाद उनकी संपत्ति और बैंक खातों को सीज कर दिया गया है। ईडी के डोजियर के मुताबिक पीएफआई ने दिल्ली दंगों और हाथरस में अशांति फैलाने में भूमिका निभाई थी। 2020 के बाद से गिरफ्तार किए गए लोगों में प्रमुख शामिल हैं रऊफ शेरिफ, सीएफआई के राष्ट्रीय महासचिव शफीक पायथ, कतर में स्थित एक पीएफआई सदस्य परवेज अहमद, दिल्ली पीएफआई के अध्यक्ष और साहुल हमीद शामिल हैं। साहुल हमीद सिंगापुर से पीएफआई के लिए हवाला का कारोबार कर रहे हैं।

एजेंसी के मुताबिक केरल के कन्नूर जिले के नारथ में एक हथियार प्रशिक्षण शिविर पाया गया। यहां पर फिजिकल एजुकेशन क्लास के नाम पर पीएफआई कैडरों को विस्फोटकों और हथियारों के इस्तेमाल की ट्रेनिंग दी जा रही थी। पीएफआई और उसके सहयोगियों द्वारा अब तक 94 करोड़ से अधिक रुपए जुटाने की बात सामने आई है। ईडी ने 57 करोड़ रुपये की 35 संपत्तियों को आपराधिक आय बताया है। यह संगठन कुवैत, ओमान, कतर, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात में सक्रिय पाया गया है। इसे इन्हीं जगहों से सबसे ज्यादा पैसा पाया गया है।

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ईडी के मुताबिक पीएफआई का वास्तविक उद्देश्य जिहाद के माध्यम से भारत में इस्लामी आंदोलन को आगे बढ़ाना शामिल है। हालांकि पीएफआई खुद को एक सामाजिक आंदोलन के रूप में पेश करता है। साक्ष्य बताते हैं कि विरोध प्रदर्शनों का हिंसक तरीके से समर्थन करता है। ईडी ने बताया है कि पीएफआई ने खाड़ी देशों में रहने वाले प्रवासी मुस्लिम प्रवासियों के लिए जिला कार्यकारी समितियां बनाई हैं।

ED ने पीएमएलए के तहत पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के स्वामित्व वाली 56.56 करोड़ रुपये की 35 संपत्तियां जब्त की हैं. 16 अक्टूबर 2024 को 35.43 करोड़ रुपये की 19 संपत्तियां जब्त की गईं, जबकि 16 अप्रैल 2024 को 21.13 करोड़ रुपये की 16 संपत्तियां जब्त की गईं. ईडी की जांच एनआईए और अन्य एजेंसियों द्वारा दर्ज एफआईआर पर आधारित है, जिसमें पीएफआई के पदाधिकारी और सदस्य शामिल हैं.

पीएफआई ने आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए भारत और विदेश में बैंकिंग चैनलों, हवाला और दान के माध्यम से पैसे जुटाए. कई राज्यों में 29 पीएफआई बैंक खातों में 94 करोड़ रुपये जमा किए गए. इस बीच 26 पीएफआई सदस्य गिरफ्तार हुए. फरवरी 2021 और मई 2024 के बीच 9 अभियोजन शिकायतें दर्ज की गईं.

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हाल ही में दिल्ली हाई कोर्ट ने पीएफआई के पूर्व नेशनल कॉओर्डिनेटर इब्राहिम पुथनाथनी की जमानत याचिका पर एनआईए को नोटिस जारी किया. अदालत ने उनकी जमानत याचिका पर एनआईए से जवाब मांगा है. कोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई 11 नवंबर को करेगी. ट्रायल कोर्ट द्वारा उनकी याचिका खारिज करने और उन्हें जमानत देने से इनकार करने के बाद इब्राहिम पुथानाथनी ने दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.

एनआईए ने दाखिल की थी चार्जशीट
एनआईए ने इब्राहिम पुथनाथनी और कुछ अन्य पीएफआई नेताओं के खिलाफ यूएपीए के तहत एक आतंकी मामले में चार्जशीट दायर की है. उन्हें 2022 में एनआईए ने गिरफ्तार किया था. एनआईए ने आरोप लगाया था कि ये लोग कई राज्यों में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए भारत और विदेशों से फंड इकट्ठा कर रहे थे और साजिश रच रहे थे.

PFI को बॉम्बे हाई कोर्ट से लगा झटका
इससे पहले PFI के तीन कथित सदस्यों को बॉम्बे हाई कोर्ट से झटका लगा था. कोर्ट ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था. अदालत ने कहा कि उन्होंने 2047 तक भारत को इस्लामिक देश में बदलने की साजिश रची थी. जस्टिस अजय गडकरी और जस्टिस श्याम चांडक की बेंच ने रजी अहमद खान, उनैस उमर खैय्याम पटेल और कय्यूम अब्दुल शेख की जमानत याचिका खारिज कर दी.

 

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