गुरदासपुर के बब्बरी बाइपास चौंक पर किसानों ने धरना देकर चार घंटे के लिए नेशनल हाईवे जाम कर दिया

गुरदासपुर
गुरदासपुर के बब्बरी बाइपास चौंक पर किसानों ने आज सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक धरना देकर चार घंटे के लिए नेशनल हाईवे जाम कर दिया। बड़ी संख्या में किसान और मजदूर चौंक पर एकत्र हुए और केन्द्र व पंजाब सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान नेताओं ने घोषणा की कि 29 अक्टूबर को जिलाधीश कार्यालय गुरदासपुर का घेराव किया जाएगा। अगर फिर भी समस्याएं नहीं सुलझीं, पूरी कीमत देकर धान की खरीदारी शुरू नहीं हुई, तो फिर किसान किसी बड़ी कार्रवाई करने के लिए मजबूर होंगे।

 इस धरने की अध्यक्षता संयुक्त किसान मोर्चा के किसान संगठनों के नेता कश्मीर सिंह तुगलवाल, हरजीत सिंह काहलों, मक्खन सिंह कोहाड़, तरलोक सिंह बहरामपुर, गुरविंदर सिंह जीवनचक्क, जसबीर सिंह कत्तोवाल, सुखदेव सिंह भागोकावां, सतबीर सिंह सुल्तानी, करनैल सिंह शेरपुर, सुरिंदर सिंह डुगरी, बलजिंदर सिंह, सरदूल सिंह बरीला, गगनदीप सिंह,मास्टर करम सिंह, बलदेव सिंह कलेर, मजदूर नेता राज कुमार पंडोरी, विजय सोहल, सुभाष कैरे, पलविंदर सिंह, सुखदेव राज, बहरामपुर कुलविंदर सिंह तिबड़, जगजीत सिंह जज और स्वामी बाऊपुर आदि की तथा सम्बोधन किया।

ये भी पढ़ें :  Repo Rate Cut: क्या आपको मिल रहा है इसका फायदा? – CA Aayush Garg की सलाह आपके लिए ज़रूरी है

 किसानों की मांग थी कि किसानों का धान कई दिनों से मंडियों में खरीद न करने से खराब हो रही है, 17 फीसदी नमी होने पर भी पूरा रेट नहीं दिया जा रहा है। सरकार  धान की खरीद नहीं कर रही है और शैलर मालिक व अन्य लोग 200-300 रुपये प्रति क्विंटल कम रेट पर धान खरीद रहे हैं। वे नमी का बहाना बनाकर कटौती कर रहे हैं। कई नई जांच मशीनों के परिणाम में भी अंतर है।  किसान मजदूर नेताओं का आरोप लगाया कि केन्द्र की मोदी सरकार चावल मिलों से पिछले साल का चावल नहीं ले रही है और उन्हें करोड़ों का नुकसान हो रहा है।
आढ़तियों का कमीशन भी कम कर दिया गया है और मंडी कर्मियों का पारिश्रमिक भी नहीं बढ़ाया गया है, केन्द्र द्वारा लिफटिंग नहीं होने के कारण खरीद नहीं हो पा रही है। दूसरी ओर, पंजाब सरकार भी केन्द्र की साजिश के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है। किसानों को परेशानी पहुंचाने में पंजाब सरकार भी बराबर की दोषी है। नेताओं ने कहा कि किसान सडक़ जाम कर लोगों को परेशान नहीं करना चाहते, लेकिन उनके पास कोई दूसरा विकल्प भी नहीं है। पंजाब में सडक़ें अवरुद्ध होने के लिए केन्द्र और पंजाब सरकार दोषी हैं।

Share

Leave a Comment