जयपुर
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर के हरमाड़ा हादसे में घायल लोगों से एसएमएस अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा। गहलोत ने आरोप लगाया कि राजस्थान सरकार हादसों के बाद तब ही हरकत में आती है, जब लोग धरना-प्रदर्शन करने को मजबूर होते हैं। उन्होंने कहा कि हरमाड़ा में डंपर की टक्कर से 13 लोगों की मौत हो गई, लेकिन अब तक सरकार की ओर से किसी प्रकार का मुआवजा घोषित नहीं किया गया है, जो बेहद संवेदनहीनता है।
गहलोत ने कहा कि चाहे जोधपुर का हादसा हो या जैसलमेर में बस में आग लगने की घटना, सरकार तब ही राहत देती है जब लोग मॉर्च्यूरी के बाहर विरोध दर्ज कराते हैं। उन्होंने मांग की कि हरमाड़ा हादसे के सभी पीड़ितों और मृतकों के परिवारों को तत्काल राहत राशि दी जाए।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इस घटना में गुजरात और बिहार के लोग भी घायल हुए हैं, इसलिए सरकार को बिना भेदभाव सहायता देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राजस्थान और जोधपुर हाईकोर्ट ने सड़क हादसों पर संज्ञान लिया है, जो खुद सरकार की विफलता को दर्शाता है। गहलोत ने सुझाव दिया कि सरकार को एक विशेष समिति गठित कर विभिन्न विभागों की जिम्मेदारी तय करनी चाहिए, ताकि सड़क हादसों पर प्रभावी रोक लग सके।
उन्होंने कहा कि कई जगह सड़कों पर स्पीड ब्रेकर नहीं हैं और कई स्थानों पर गलत तरीके से बने हैं, जिससे हादसे बढ़ रहे हैं। आज आरटीओ के पास गाड़ियों की गति मापने की मशीनें मौजूद हैं, फिर भी सड़क सुरक्षा पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। लगातार हो रही मौतें सरकार की नाकामी को दर्शाती हैं।
अस्पताल में गहलोत ने घायल गुजरात निवासी मनोज गोविंद व्यास से मुलाकात कर हालचाल जाना। मनोज ने बताया कि वे छह दोस्तों के साथ खाटूश्यामजी दर्शन के लिए आए थे। हादसे में उनके दो दोस्तों की मौत हो गई और चार घायल हैं। उन्होंने बताया कि हादसे के बाद लूटपाट की भी घटना हुई, जिसमें उनका मोबाइल और पर्स चोरी हो गया।
नीमकाथाना निवासी देशराज ने बताया कि हादसे में उनका ई-रिक्शा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। घायल होने के बावजूद उन्होंने अन्य लोगों की मदद की। वहीं गोविंदपुरा कालवाड़ निवासी ज्ञानरंजन ने बताया कि उनके पिता अजय को गंभीर चोटें आई हैं और वे आईसीयू में भर्ती हैं।
गहलोत ने कहा कि सरकार को ऐसे हादसों से सबक लेना चाहिए और पीड़ितों को जल्द से जल्द सहायता पहुंचानी चाहिए ताकि परिवारों को राहत मिल सके।


