हाई कोर्ट: अब खिलाड़ी वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में ले सकेगा हिस्सा

दिल्ली 
दिल्ली हाई कोर्ट के दखल की वजह से एक एथलीट वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भाग ले पाएगा। यह चैंपियनशिप 22 सितंबर से नई दिल्ली में शुरू हो रही है। पैरा ओलिंपिक कमिटी ऑफ इंडिया की चूक की वजह से इस खिलाड़ी का नाम चैंपियनशिप के लिए चुने गए एथलीटों की सूची में नहीं आ पाया था।

निकल चुकी लास्ट डेट
जस्टिस सचिन दत्ता ने 18 सितंबर को श्रवण कुमार की याचिका पर पारित आदेश में कहा कि वैसे तो एथलीटों की लिस्ट जमा करने की अंतिम तारीख पहले ही निकल चुकी है। पर, यह देखते हुए कि यह इवेंट नई दिल्ली में आयोजित किया जा रहा है, उम्मीद है कि संबंधित आयोजन समिति वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भागीदारी के मकसद से याचिकाकर्ता का नाम शामिल कराने के लिए गंभीर प्रयास करेगी।

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कोर्ट ने कमिटी को दिए निर्देश
कोर्ट ने पैरा ओलंपिक कमिटी ऑफ इंडिया को निर्देश दिया कि वह संबंधित इंटरनेशनल बॉडी के साथ इस मामले को सख्ती से आगे बढ़ाए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि याचिकाकर्ता का नाम आगामी चैंपियनशिप में हिस्सा लेने वाली भारतीय टीम में शामिल हो। केंद्र से भी इसमें मदद की उम्मीद जताई गई है। मामले में याचिकाकर्ता का पक्ष एडवोकेट स्वास्तिक सिंह ने रखा तो केंद्र और अन्य प्रतिवादियों के लिए एडवोकेट रुचिर मिश्रा और नवीन कुमार चौधरी पेश हुए।

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इस कारण से नहीं अपडेट हुआ खिलाड़ी का नाम
याचिकाकर्ता ने कोर्ट से कहा कि उक्त चैंपियनशिप के लिए चुने गए खिलाड़ियों की सूची से उसके नाम को गलत तरीके से बाहर कर दिया गया है। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि पैरा ओलिंपिक कमिटी ऑफ इंडिया ने डिस्कस थ्रो कैटिगरी में उसकी रैंकिंग नहीं भेजी जिसकी वजह से वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स बॉडी ने याचिकाकर्ता की रैंकिंग अपडेट नहीं की। यह चैंपियनशिप 22 सितंबर से शुरू होकर 6 अक्टूबर तक चलेगी।

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याचिकाकर्ता ने कोर्ट में दी दलील
2025 दलील दी गई कि याचिकाकर्ता ने 7वीं इंडियन ओपन पैरा एथलेटिक्स अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप में 41.34 मीटर का थ्रो किया, जो तय मिनिमम एलिजिबिलिटी स्टैंडर्ड (एमईएस) 29.80 मीटर से काफी ज्यादा है। प्रदर्शन-आधारित एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया को पूरा करने के बावजूद, याचिकाकर्ता को आगामी वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भाग लेने के लिए नहीं चुना गया ।

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