आपसी समझौते के साथ पति-पत्नी हुए एक साथ

शहडोल

ममता बाई चौधरी एवं भूपत चौधरी का विवाह 14 वर्ष पूर्व हुआ था किन्तु वर्ष 2021 से पति-पत्नी में विवाद होने के कारण पत्नी अपने मायके में निवास करने लगी। कुटुम्ब न्यायालय की प्रधान न्यायाधीश श्रीमती गीता सोलंकी द्वारा लगातार उपरोक्त दंपति के साथ निरंतर संवाद करते हुए उनकी दूरियों को मिटाने का अथक प्रयास किया गया।

ये भी पढ़ें :  Balauda Bazar Road Accident : बरातियों से भरी बस और ट्रक में भिड़ंत में 80 घायल, एक की मौत, 20 की हालत गंभीर

 नेशनल लोक अदालत में उक्त दंपत्ति ने विशेष न्यायाधीश श्री सुभाष सोलंकी एवं प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय की न्यायाधीश श्रीमती गीता सोलंकी की उपस्थिति में एक साथ जीवन बिताना तय कर अपने विवाद को समाप्त किया जिसके उपरांत उन्होने एक दूसरे को मीठा खिलाकर, माला पहनाया। इस प्रकरण में राजीनामा कराने हेतु उभय पक्ष के अधिवक्ता श्री दिलीप यादव एवं श्री संतोष गुप्ता की उल्लेखनीय भूमिका रही। इसी प्रकार उमा बाई एवं रामअवतार का विवाह 2006 में हुआ था किन्तु 2023 से पति-पत्नी के मध्य मतभेद हो गया जिसे न्यायाधीशगण के द्वारा उनके अधिवक्ता श्री आशुतोष शुक्ला तथा श्री आर.के.नापित के प्रयासो से राजीनामा के रूप में निराकृत किया गया। इस नेशनल लोक अदालत में कुटुम्ब न्यायालय में कई परिवार टूटने एवं बिखरने से बच गये।

Share

क्लिक करके इन्हें भी पढ़ें

Leave a Comment