26 जनवरी को भारत अपना 75वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है, इसमें शामिल होने आ रहे हैं भारत के ही एक राजा

नई दिल्ली
आज भारत अपना 75वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है। खास बात है कि इस कार्यक्रम में भारत के ही एक समुदाय मन्नन के राजा रमन राजमन्नन को भी न्योता भेजा गया है। भले ही उनके पास रियासत ने हो, लेकिन आज भी समुदाय के हजारों परिवार उनकी बात को महत्व देते हैं। गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्राबोवो सुबियांतो हैं।

कौन हैं रमन राजमन्नन
रमन केरल के एकमात्र आदिवासी राजा हैं और मन्नन समुदाय के प्रमुख हैं। 26 जनवरी के कार्यक्रम में वह उनकी पत्नी बिनुमोल हिस्सा लेंगे। उन्होंने पूर्व में राजा रहे आर्यन राजमन्नन के निधन के बाद 12 साल पहले ताज संभाला था। वह आज भी सामाजिक कार्यकमों में मुकुट या थलाप्पावु पहनते हैं। रमन 3 हजार मन्नन परिवारों के चीफ हैं। अखबार से बातचीत में रमन बताते हैं, 'हमारे लोग किसान और मजदूरी करते हैं। इनमें से अधिकांश महात्मा गांधी रूरल एम्पलॉयमेंट गारंटी एक्ट योजना में काम करते हैं। एक वर्ग जंगलों के उत्पादों का काम करता है।'

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उन्होंने कहा, '80 के दशक में समुदाय के एक सदस्य पांडियन दिल्ली के गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में शामिल हुआ था। मैं समुदाय का पहला राजा हूं, जिसे कार्यक्रम में बुलाया गया है। हमें एसएसी एसटी विभाग की तरफ से बताया गया है कि हर राज्य से आदिवासी जोड़े को भेजा जा रहा है। मुझे बीते साल नवंबर में जानकारी दी गई थी, ताकि सभी औपचारिकताएं पूरी की जा सकें।'

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रियासत: रमन राजमन्नन अपनी राजधानी इडुक्की कांचियार पंचायत के तहत आने वाले कोझिमाला गांव को राजधानी मानते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, आज के समय में मन्नान समुदाय के लोग 46 बस्तियों में रहते हैं। इनमें से अधिकांश इडुक्की जिले में हैं, जबकि, कुछ एर्नाकुलम और थ्रिसूर जिलों में हैं। समुदाय के अधिकांश लोग दैनिक मजदूरी का काम करते हैं। ये समुदाय अपने रीति रिवाजों को लेकर भी खासा चर्चा में रहता है।

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