भारत को यूएनएससी में स्थायी सदस्यता हासिल करने के लिए अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी स्थिति मजबूत करनी करनी होगी

नई दिल्ली
भारत कई वर्षों से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में स्थायी सदस्यता के लिए प्रयासरत है लेकिन इसके रास्ते में कई चुनौतियां हैं जो उसकी मंजिल को मुश्किल बना रही हैं। अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और रूस जैसे सुरक्षा परिषद के चार स्थायी सदस्य भारत की सदस्यता का समर्थन कर चुके हैं मगर चीन भारत की इस राह में सबसे बड़ी बाधा बना हुआ है। भारत और चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद और चीन का भारत को क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्वी मानना इस विरोध की मुख्य वजह है। चीन नहीं चाहता कि भारत भी उस उच्च मंच पर आसीन हो जहां उसकी पकड़ मजबूत बनी हुई है।

ये भी पढ़ें :  Parliament में गिरकर चोटिल हुए सांसद प्रताप सारंगी, बोले- राहुल गांधी ने दिया धक्का

कहां है भारत के लिए अड़चने
भारत के स्थायी सदस्य बनने के खिलाफ एक और मोर्चा है जिसे 'यूनाइटिंग फॉर कंसेंसस' (UfC) के नाम से जाना जाता है। यह समूह बिना वीटो अधिकार के स्थायी सदस्यता का समर्थन करता है। उनकी सोच यह है कि सुरक्षा परिषद में अधिक गैर-स्थायी सदस्यों को जोड़ा जाए, जिससे निर्णय प्रक्रिया में विविधता आए मगर भारत का रुख यह है कि नए स्थायी सदस्यों को भी वीटो अधिकार मिलना चाहिए। यह मुद्दा दोनों पक्षों के बीच एक बड़ी रुकावट बना हुआ है। अमेरिका ने सैद्धांतिक रूप में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन किया है लेकिन व्यवहार में उसकी नीति थोड़ी संदेहपूर्ण है। कई अमेरिकी विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत हमेशा पश्चिमी देशों के हितों के अनुरूप नहीं चलता इसलिए उसे भरोसेमंद साझेदार नहीं माना जा सकता। यह राय अमेरिका की नीतियों में ठहराव पैदा करती है।

ये भी पढ़ें :  Chhattisgarh : मुख्यमंत्री बघेल ने अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद की पुण्यतिथि पर उन्हें किया नमन

क्षेत्रिय चुनौतियां खड़ी कर रही हैं मुश्किलें
इसके अलावा भारत को क्षेत्रीय चुनौतियों का भी सामना करना पड़ रहा है। चीन के साथ प्रतिस्पर्धा और पड़ोसी देशों में बढ़ती अस्थिरता भारत की स्थायी सदस्यता की मांग के लिए मुश्किलें खड़ी कर रही हैं। बांग्लादेश में हाल के राजनीतिक बदलावों ने दक्षिण एशियाई क्षेत्र में भारत की स्थिति पर सवाल उठाए हैं जिससे उसकी क्षेत्रीय भूमिका पर भी नजर रखी जा रही है।

ये भी पढ़ें :  आर्थिक विकास में चीन और अमेरिका से आगे निकल जाएगा भारत: यूएसआईएसपीएफ अध्यक्ष

कैसे मिल सकती है भारत को यूएनएससी में स्थायी सदस्यता
जानकार बताते हैं कि भारत को यूएनएससी में स्थायी सदस्यता हासिल करने के लिए अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी स्थिति मजबूत करनी करनी होगी। इसके लिए भारत को कई घरेलू मुद्दों पर ध्यान देना होगा। इनमें मानव विकास सूचकांक को सुधारना, आर्थिक असमानता को कम करना और आधारभूत संरचनाओं को बेहतर बनाना शामिल है। अगर भारत अपनी आंतरिक कमजोरियों को दूर कर लेता है तो यह बदलाव न सिर्फ उसके लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए लाभकारी साबित हो सकता है।

Share

Leave a Comment