इजरायल फिलहाल लेबनान और गाजा में हमले कर रहा है, एक गलती पर 1000 मिसाइलें दागेगा ईरान

इजरायल
इजरायल फिलहाल लेबनान और गाजा में हमले कर रहा है। हमास ने तो सीजफायर को लेकर भी सहमति जता दी है, लेकिन एक बड़ी जंग शायद मुहाने पर खड़ी है। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार ईरान प्लान कर रहा है कि यदि इजरायल ने उस पर 1 अक्टूबर को किए गए अटैक के जवाब में हमला किया तो क्या ऐक्शन लिया जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार ईरान के ही 4 अधिकारियों का कहना है कि अयातुल्लाह खामेनेई ने सेना को तैयारी करने को कहा है। उन्होंने सेना से कहा है कि वह संभावित स्थितियों के लिए तैयार रहे और इजरायल यदि अटैक करता है तो फिर जवाबी हमला कैसे किया जाएगा, उसे लेकर प्लान बना लिया जाए।

ये भी पढ़ें :  World Cup 2023 : वनडे विश्व कप का शेड्यूल जारी, रायपुर में मैच को लेकर ये है बड़ा अपडेट

इनमें से 2 अधिकारी ईरान की सेना से ही जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि यदि इजरायल ने ईरान के परमाणु एवं तेल ठिकानों पर हमला किया तो फिर युद्ध नहीं रुकेगा। उन्होंने कहा कि ईरान फिर जंग को नए स्तर पर ले जाएगा और इसकी चपेट में पूरा मध्य पूर्व ही आ सकता है। सूत्रों का कहना है कि ईरान की ओर से बलिस्टिक मिसाइलों का बेड़ा तैयार रखा गया है। यदि इजरायल ने कोई हमला किया तो फिर जवाब में 1000 बलिस्टिक मिसाइलें दागी जा सकती हैं। 1 अक्टूबर को 200 मिसाइलें ही दागी गई थीं। अमेरिका समेत तमाम देशों की चिंता यह है कि यदि युद्ध इस लेवल पर पहुंचा तो फिर तेल की सप्लाई पर असर होगा।

इसके अलावा इंटरनेशनल ट्रेड रूट भी बाधित होगा। वहीं ईरान का नेतृत्व इस बात पर भी विचार कर रहा है कि यदि इजरायल ने उसके सैन्य ठिकानों पर ही हमला किया तो फिर ज्यादा ऐक्शन नहीं लिया जाएगा। इस बात की भी संभावना है कि फिर ईरान सीधा हमला न करे। इस तरह दो बड़ी शक्तियों के बीच सीधी जंग थम जाएगी। बता दें कि इससे पहले चर्चे थे कि इजरायल की ओर से ईरान के तेल एवं परमाणु ठिकानों को टारगेट किया जा सकता है। पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने सीधे तौर पर ईरान को धमकी दी थी कि इस हमले का बदला लिया जाएगा। खासतौर पर ईरान के संवेदनशील ठिकानों को निशाना बनाया जाएगा।

ये भी पढ़ें :  CG में कांग्रेस की सरकार आने पर होगी कर्जमाफी : CM भूपेश बघेल ने सक्ति में की घोषणा, बोले : “फिर से कांग्रेस के सरकार बनाओ…करेंगे ऋणमाफी

ईरान के नेता यह कहते रहे हैं कि हम क्षेत्र में जंग और अस्थिरता नहीं चाहते हैं। विदेश मंत्री अब्बास अरागची कई बार यह बात दोहरा चुके हैं। लेकिन ईरान को यह भी लगता है कि इससे यह संदेश न जाए कि वह बैकफुट पर है और इजरायल के मुकाबले रक्षात्मक है। यही वजह है कि ईरान आक्रामक तेवर भी दिखा रहा है, लेकिन सीधे तौर पर किसी बड़ी जंग में उतरने से बचना भी चाहता है।

Share

क्लिक करके इन्हें भी पढ़ें

Leave a Comment