खामेनेई को निशाना बनाकर अस्पताल पर हमले का बदला लेगा इजरायल? 36 घंटे में ही ट्रंप के वीटो से पलटे नेतन्याहू

तेल अवीव
 Iran Israel conflict ईरान के काउंटर अटैक में इजरायल (Israel-Iran Conflict) को आज बड़ा नुकसान पहुंचा है। ईरान ने दक्षिणी इजराइल के एक बड़े अस्पताल में अपनी बैलिस्टिक मिसाइल से हमला किया। इस हमले से इजरायल का अस्पताल ध्वस्त हो गया। कई लोग घायल बताए जा रहे हैं। 

हमले के बाद इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि ईरान को इसका बहुत बड़ा अंजाम भुगतना होगा।

ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या इजरायल अब अस्पताल पर हमले का बदला खामेनेई को निशाना बनाकर लेगा? चूंकि अस्पताल पर हमले के बाद इजरायल सरकार का गुस्सा सातवें आसमान पर है. इजरायली रक्षा मंत्री ने साफ संकेत दिए हैं कि अगला टारगेट खामेनेई हो सकते हैं और इजरायल उन्हें जिंदा नहीं देखना चाहता है.

सबसे पहले जानिए ईरान ने ऐसा क्या किया, जिससे इजरायल में लोग सहम गए. दरअसल, ईरानी मिसाइलों ने गुरुवार को इजरायल के बेर शीबा का सोरोका अस्पताल, तेल अवीव के स्टॉक एक्सचेंज की बिल्डिंग, गाव याम में आर्मी इंटेलिजेंस और साइबर कमांड मुख्यालय को तबाह कर दिया. दक्षिणी इलाके के बेर बीबा में इजरायल का सबसे बड़ा अस्पताल है. ईरान ने बैलिस्टिक मिसाइल से सोरोका मेडिकल सेंटर को निशाना बनाया. इस हमले में करीब 200 लोग घायल हो गए. ईरान का दावा है कि इस अस्पताल के नीचे इजरायल का मिलिट्री बेस बना हुआ था.

ईरान को लेकर अमेरिका का ताजा रुख क्या?

व्हाइट हाउस की प्रवक्ता केरोलिन लैविट ने गुरुवार रात में कहा, ईरान युद्ध में शामिल होने के बारे में राष्ट्रपति ट्रंप अगले दो हफ्ते में फैसला लेंगे. यानी ट्रंप अगले दो हफ्तों के भीतर यह फैसला लेंगे कि अमेरिका को ईरान पर सैन्य कार्रवाई करनी चाहिए या नहीं. व्हाइट हाउस का कहना था कि इस बात की संभावना है कि ईरान के साथ निकट भविष्य में बातचीत हो सकती है या नहीं. इसी आधार पर राष्ट्रपति अगले दो हफ्तों में कोई निर्णय लेंगे.

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दो हफ्ते में अटैक पर फैसला लेगा अमेरिका

यह बयान ऐसे समय में आया है जब वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि राष्ट्रपति ट्रंप ने ईरान पर हमला के प्लान को मंजूरी दे दी है. रिपोर्ट के मुताबिक, इंटेंलिजेंस रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि इस हफ्ते के अंत तक एयरफोर्स, नौसेना को ईरान पर हमले को तैयार रहने के लिए कहा गया है. यह खबर आने के बाद गुरुवार देर रात ट्रंप सामने आए और सोशल मीडिया के जरिए रुख स्पष्ट किया.

नेतन्याहू बोले- इजरायली हमलों से कोई अछूता नहीं

इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने संकेत दिया है कि अब ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई भी इजरायल के निशाने पर हैं. गुरुवार सुबह नेतन्याहू सोरोका मेडिकल सेंटर पहुंचे और हालात का जायजा लिया. नेतन्याहू ने स्पष्ट कहा- कोई भी इजरायली हमलों से अछूता नहीं है.

'काम से जवाब देना पसंद करता हूं'

नेतन्याहू ने आगे कहा, मैंने निर्देश दिया है कि कोई भी खुद को सुरक्षित ना समझे. मैं सुर्खियों से नहीं, काम से जवाब देना पसंद करता हूं. युद्ध के समय शब्दों का प्रयोग सावधानी से करना चाहिए और कार्रवाई सटीक होनी चाहिए.

हालांकि उन्होंने प्रेस में ज्यादा बोलने से इनकार कर दिया, लेकिन उनके शब्दों से ये साफ संकेत मिल रहे हैं कि अब खामेनेई खुद इजरायली जवाबी कार्रवाई के संभावित लक्ष्य हो सकते हैं.

नागरिकों को निशाना बना रहा ईरान

प्रधानमंत्री ने ये भी स्पष्ट किया कि इजरायल की कार्रवाई ईरान के परमाणु कार्यक्रम और मिसाइल भंडारण के खिलाफ है. जबकि ईरान आम नागरिकों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है. उन्होंने कहा, वो अस्पतालों को निशाना बना रहे हैं, जहां लोग भाग नहीं सकते. यही एक लोकतंत्र और हत्यारों के बीच फर्क होता है.

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'खामनेई का अस्तित्व खत्म करना है'

इजरायली रक्षा मंत्री इस्राइल काट्ज़ ने इससे भी आगे जाते हुए सार्वजनिक तौर पर कहा, आधुनिक हिटलर खामेनेई का अस्तित्व खत्म करना इस अभियान का लक्ष्य है. वो तानाशाह ना सिर्फ इजरायल के विनाश की विचारधारा फैलाता है, बल्कि अपने सारे संसाधन उसी के लिए लगाता है.

रक्षा मंत्री कात्ज ने कहा, हमले के लिए ईरानी सुप्रीम लीडर खामनेई जिम्मेदार और गुनहगार हैं. तानाशाह खामनेई को जिंदा रहने का हक नहीं है. उनका सफाया करना होगा. आज हम इस बात का सबूत देखते हैं कि वो अस्पतालों पर गोली चलाने का आदेश दे रहे हैं.

ट्रंप के रुख से नेतन्याहू का यू-टर्न?

इधर, इजरायल की तरफ से अमेरिका को साथ लाने की कोशिशों पर भी हर किसी नजरें टिकी हैं. 36 घंटे पहले तक नेतन्याहू अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सीधी सैन्य भागीदारी की पैरवी कर रहे थे, लेकिन अब उन्होंने कहा, यह फैसला राष्ट्रपति ट्रंप को करना है. वो अमेरिका का भला सोचेंगे और मैं इजरायल का. जरूरत पड़ी तो हम अकेले ही ये मिशन पूरा करेंगे. उन्होंने आगे कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति गेम को बेहतर समझते हैं.

नेतन्याहू का कहना था कि इस ऑपरेशन के अंत में इजरायल पर कोई परमाणु खतरा नहीं होगा और ना बैलिस्टिक खतरा का खतरा रहेगा.

नेतन्याहू की भाषा में बदलाव क्यों?

विश्लेषकों का कहना है कि नेतन्याहू की भाषा में यह बदलाव ट्रंप के संभावित वीटो और अमेरिका की सतर्क पॉलिसी के संकेत से आया है. युद्ध क्षेत्र में अमेरिका की सीधी भागीदारी को लेकर ट्रंप ने अभी तक खुलेतौर पर शामिल होने को लेकर ऐलान नहीं किया है.

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जंग में अब तक कितनी मौतें?

इजरायल ने भी गुरुवार को ईरान के आराक परमाणु ठिकाने पर बमबारी की. दोनों देशों की जंग में अब तक ईरान में 640 लोगों की मौत हो चुकी है और 1300 लोग घायल हुए हैं. इजरायल में 24 लोगों की मौत हुई है और 400 लोगों के घायल होने की खबर है.

इजरायल क्या कर रहा है?

इजरायली सेना का कहना है कि ईरान अब तक 450 मिसाइल और एक हजार से ज्यादा ड्रोन से हमला कर चुका है. अधिकांश ड्रोन ईरान से लॉन्च किए गए. जबकि कुछ प्रॉक्सी ठिकानों से टारगेट बनाया गया. बीते सप्ताह ईरायल ने ऑपरेशन राइजिंग लॉयन शुरू किया था और पश्चिमी ईरान को टारगेट बनाया था. अब इजरायल, ईरान के पूर्वी हिस्सों में तबाही मचा रहा है. ज्यादातर ईरान के परमाणु और मिसाइल ठिकानों को निशाना बनाया जा रहा है. युद्ध के चलते इजरायल में सैन्य और रणनीतिक गतिविधियों की रिपोर्टिंग पर सख्त पाबंदियां लगा दी गई हैं.

कई किलोमीटर तक दिखा धुएं का गुब्बार

    ईरान (Israel-Iran War News) के हमले के बाद इजरायली अस्पताल सोरोका मेडिकल सेंटर के ऊपर कई किलोमीटर दूर से ही धुएं के गुबार देखने को मिले।

    अस्पताल (Soroka Medical Center) पर हुए मिसाइल अटैक के बाद वहां चीख पुकार मच गई।

    इजरायली मीडिया ने टूटी खिड़कियों और काले धुएं के फुटेज जारी किए हैं।
    वहीं, ईरान की बैलिस्टिक मिसाइलों ने तेल अवीव के पास दो स्थानों पर ऊंची इमारतों और कई आवासीय भवनों को निशाना बनाया। स्थानीय मीडिया के अनुसार, हमलों में कम से कम 40 लोग घायल हुए हैं।

 

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