जैश-ए-मोहम्मद ने ई-वॉलेट्स से शुरू की फंडिंग, भारत के हमलों से बचने की नई साजिश

लाहौर 

ऑपरेशन सिंदूर के तहत मई 2025 में भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) में कई आतंकी लॉन्च पैड तबाह किए थे. इन ठिकानों का इस्तेमाल जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) कर रहे थे. इस बीच खुफिया रिपोर्टों के आधार पर IANS ने खुलासा किया है कि जैश-ए-मोहम्मद अब अपने नेटवर्क को दोबारा खड़ा करने की तैयारी कर रहा है. संगठन पूरे पाकिस्तान में 313 नए मरकज बनाने की योजना पर काम कर रहा है. ये ठिकाने नए आतंकियों को ट्रेनिंग देने और सुरक्षित आश्रय प्रदान करने के काम आएंगे. साथ ही ये ठिकाने जैश प्रमुख मसूद अजहर और उसके परिवार के लिए भी सुरक्षित अड्डे होंगे. इस नेटवर्क को खड़ा करने के लिए जैश ने 3.91 अरब पाकिस्तानी रुपये जुटाने का लक्ष्य तय किया है.

रिपोर्ट के अनुसार, इस धन उगाही अभियान का नेतृत्व जैश प्रमुख मसूद अजहर और उसका भाई तल्हा अल सैफ कर रहे हैं. संगठन ने ऑनलाइन धन इकट्ठा करने के लिए ईजीपैसा और सदापे जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म के इस्तेमाल की योजना बनाई है. इसके अलावा जैश के कमांडर मस्जिदों में शुक्रवार की नमाज के दौरान भी चंदा इकट्ठा कर रहे हैं. चंदे को गाजा में मानवीय सहायता के नाम पर दिखाया जा रहा है, जबकि असल में इसका इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों के लिए हो रहा है.

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जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ी ब्लैंक दान रसीद
सूत्रों के मुताबिक जांच के दौरान जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े ब्लैंक दान रसीद की एक कॉपी भी मिली. जांच में इस बात के सबूत मिले कि जमा किए जा रहे 3.94 अरब पाकिस्तानी रुपये कई पाकिस्तानी डिजिटल वॉलेट में जा रहे हैं. ऐसा ही एक सदापे खाता मसूद अजहर के भाई, तल्हा अल सैफ (तल्हा गुलजार) के नाम पर है, जो पाकिस्तानी मोबाइल नंबर +92 3025xxxx56 से जुड़ा है. यह नंबर जैश-ए-मोहम्मद के हरिपुर जिले के कमांडर आफ़ताब अहमद के नाम पर रजिस्ट्रड है, जिसके CNIC नंबर 133020376995 पर हरिपुर के खाला बट्ट टाउनशिप में जैश-ए-मोहम्मद के कैंप का पता दर्ज है.

भारत के लिए क्या मायने रखता है यह पुनर्गठन
जैश-ए-मोहम्मद की यह गतिविधि भारत के लिए नई चुनौती है. संगठन की कोशिश है कि ऑपरेशन सिंदूर से हुए नुकसान की भरपाई करके फिर से सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा दिया जाए. नए शिविरों का जाल फैलाने से कश्मीर घाटी में आतंक फैलाने की साजिश तेज हो सकती है. भारत के सुरक्षा तंत्र को इस पुनर्गठन पर करीबी निगरानी रखने की जरूरत है.

100 से अधिक आतंकवादी मारे गए
ऑपरेशन सिंदूर के तहत 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए. जैश का बहावलपुर स्थित मुख्यालय और कई ठिकाने पूरी तरह तबाह कर दिए गए. यह कार्रवाई 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का बदला थी, जिसमें 26 निर्दोष नागरिक मारे गए थे.

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पाकिस्तान में बनाएगा 313 नए मरकज, मांग रहा चंदा

ऑपरेशन सिंदूर के कई महीने बाद पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) अपने तबाह हुए प्रशिक्षण शिविरों और ठिकानों के नेटवर्क को फिर से पुनर्जीवित तकरने की तैयारी में लग गया है। अपने आतंकी ढांचे को फिर से खड़ा करने के लिए जैश-ए-मोहम्मद ने एक बड़ा धन उगाही अभियान शुरू किया है। इंडिया टुडे ने अपनी रिपोर्ट में इसके बारे में जानकारी दी है। मई में आपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सशस्त्र बलों ने जैश-ए-मोहम्मद का बहावलपुर स्थित मुख्यालय और आतंकी लॉन्च पैड को नेस्तनाबूद कर दिया था।

7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) में 9 आतंकी लॉन्च पैड को तबाह किया था। ये लॉन्च पैड जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े हुए थे। इस ऑपरेशन में 100 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए थे। यह अभियान 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का बदला लेने के लिए चलाया गया था। पहलगाम आतंकी हमले में 26 नागरिक मारे गए थे।

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313 नए शिविर स्थापित करने की योजना
 खुफिया जानकारी के आधार पर अपनी रिपोर्ट में बताया है कि जैश-ए-मोहम्मद अपनी स्थिति सुधारने के लिए पूरा जोर लगा रहा है। संगठन ने कथित तौर पर पूरे पाकिस्तान में 313 नए 'मरकज' स्थापित करने की योजना बनाई है, जिनका इस्तेमाल आतंकियों को ट्रेनिंग और उन्हें ठिकाने देने के लिए किया जाएगा। इसके लिए 3.91 अरब पाकिस्तानी रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा गया है।

पकड़े जाने से बचने के लिए ऑनलाइन चंदा
इन ठिकानों में नए आतंकियों के लिए प्रशिक्षण केंद्र चलाने के साथ ही जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर और उसके परिवार के लिए सुरक्षित ठिकाने के रूप में काम करने की उम्मीद है। रिपोर्ट में बताया गया है कि धन उगाही अभियान का नेतृत्व मसूद अजहर अपने भाई तल्हा अल सैफ के साथ मिलकर कर रहा है। पकड़े जाने से बचने के लिए जैश ने ईजीपैसा और सदापे जैसे डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म के इस्तेमाल की योजना बनाई है। ऑनलाइन पैसा इकठ्ठा करने के अलावा जैश के कमांडर शुक्रवार की नमाज के दौरान मस्जिदों में भी चंदा इकठ्ठा कर रहे हैं। इसे गाजा में मानवीय सहायता के लिए दिए जाने के लिए दिखा रहे हैं।

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