जापान के वैज्ञानिकों ने बनाया इंटरनेट स्पीड का नया वर्ल्ड रिकॉर्ड

नई दिल्ली

हाई स्पीड इंटरनेट आजकल हर किसी की जरूरत बन गया है। सभी लोग अच्छी स्पीड वाला इंटरनेट इस्तेमाल करना चाहते हैं और इसके लिए 5G रिचार्ज प्लान्स खरीदते हैं या वाई-फाई लगवाना पसंद करते हैं। लेकिन, फिर भी कभी-कभी इंटरनेट की स्पीड स्लो हो जाती है, जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। क्या हो अगर आपको कभी भी बफरिंग का सामना न करना पड़े या डाउनलोडिंग शुरू करते ही मूवी या कोई और बड़ी फाइल फट से डाउनलोड हो जाए। आपको शायद यकीन न हो लेकिन जापान में यह सच हो चुका है। जापान में वैज्ञानिकों ने सबसे ज्यादा इंटरनेट स्पीड हासिल की है और सिर्फ यही नहीं उन्होंने इंटरनेट स्पीड के मामले में एक नया वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बनाया है। ध्‍यान देने वाली बात है कि चीन और अमेरिका ट्रेड वॉर में उलझे हुए हैं और जापान ने यह कारनाम करके दिखाया है। आइए आपको इसके बारे में डिटेल में बताते हैं.

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वैज्ञानिकों ने बनाया इंटरनेट स्पीड का वर्ल्ड रिकॉर्ड
दरअसल, जापान में वैज्ञानिकों की एक टीम ने इंटरनेट स्पीड का नया विश्व रिकॉर्ड बनाया है। उन्होंने 1.02 पेटाबिट प्रति सेकंड की जबरदस्त स्पीड हासिल की है। यह स्पीड इतनी फास्ट है कि बड़ी से बड़ी कोई फाइल पलक झपकते ही डाउनलोड हो सकती है. यह स्पीड इतनी तेज है कि आप एक सेकंड में नेटफ्लिक्स की पूरी लाइब्रेरी, 8K वीडियो या विकिपीडिया की सारी जानकारी हजारों बार डाउनलोड कर सकते हैं।

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कितनी तेज है स्पीड?
यह स्पीड कितनी तेज है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यह भारत में मिलने वाली औरत इंटरनेट स्पीड से लगभग 1 करोड़ 60 लाख गुना तेज है और अमेरिका में लोगों को मिलने वाली सामान्य स्पीड से 35 लाख गुना ज्यादा तेज है।

वैज्ञानिकों ने किया कमाल
यह कमाल जापान के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन एंड कम्युनिकेशंस टेक्नोलॉजी (NICT) के वैज्ञानिकों ने किया है। उन्होंने सुमितोमो इलेक्ट्रिक और इंटरनेशनल रीसर्चर्स के एक ग्रुप के साथ मिलकर फाइबर ऑप्टिक केबलों का इस्तेमाल करके एक सुपर हाई-स्पीड नेटवर्क बनाया। सबसे अच्छी बात यह है कि उन्होंने जो केबल इस्तेमाल किया है, वह आज हम जो केबल इस्तेमाल करते हैं, उसी साइज का है। अंतर सिर्फ अंदरूनी बनावट में है। इसमें एक कोर के बजाय 19 कोर हैं, जिसका मतलब है कि यह एक साथ बहुत ज्यादा डेटा ले जा सकता है। इन खास केबल्स का इस्तेमाल करके टीम ने 1,800 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तक भारी मात्रा में डेटा भेजा और वह भी बिना स्पीड कम हुए। उन्होंने ट्रांसमीटरों, रिसीवरों और लूपिंग सर्किट के साथ एक सेटअप का इस्तेमाल किया, जिससे डेटा आसानी से फ्लो होता रहा।

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