उर्वशी मिश्रा, न्यूज राइटर, रायपुर, 29 अगस्त 2024
रायपुर। राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर प्रदेश के खिलाड़ियों को आज अलंकृत किया जाएगा। बताया जा रहा है कि राजधानी रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में खेल अलंकरण समारोह कार्यक्रम का आयोजन होगा। कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और खेल मंत्री टंक राम वर्मा खिलाड़ियों को सम्मानित करेंगे। वहीं प्रदेश के 97 खिलाड़ी को दिए जाएंगे 76 लाख की पुरस्कार राशि साथ ही देश का नाम रोशन करने वाले 7 ओलंपिक खिलाड़ी भी अलंकृत होंगे। प्रदेश के 502 खिलाड़ियों के बैंक खाते में 60 लाख रुपए जाएगा।
क्यों मनाया जाता है खेल दिवस :-
साल 2012 से हर साल 29 अगस्त का दिन राष्ट्रीय खेल दिवस के तौर पर मनाया जा रहा है। दरअसल, इसी दिन दिग्गज खिलाड़ी ध्यानचंद का जन्म हुआ था। मेजर ध्यानचंद को ‘हॉकी का जादूगर’ कहा जाता है। अपने 22 साल के करियर में 400 से ज्यादा गोल करने वाले महान खिलाड़ी को याद करने के मकसद से भारत सरकार ने 2012 से इनकी जन्मतिथि पर राष्ट्रीय खेल दिवस मनाने की घोषणा की थी। बता दें, 1956 में इन्हें देश के तीसरे सबसे बड़े सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। आइए इस खास मौके पर जानते हैं इस दिन से जुड़ी कुछ रोचक बातें।
दिलचस्प है इस दिन का इतिहास
इस दिन हॉकी के महान खिलाड़ी मेजर ध्यान चंद की जयंती होती है, उनका जन्म 1905 में इलाहाबाद के एक राजपूत परिवार में हुआ था। अपने पिता के पदचिन्हों पर चलते हुए ध्यान चंद सेना में शामिल हो गए और सेना में ही उन्होंने हॉकी खेलना शुरू किया। बता दें, हॉकी के जादूगर ने देश को कई लॉरेल दिलाए। ध्यान चंद 1928, 1932 और 1936 के ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम का हिस्सा थे। उन्होंने अपने 22 साल के करियर में 400 से ज्यादा गोल किए।
1936 के बर्लिन ओलंपिक फाइनल में ध्यान चंद ने तीन गोलों के साथ टीम का नेतृत्व किया, जिसे उन्होंने जर्मनी के खिलाफ 8-1 से जीता। यह खेल ध्यान चंद के नेतृत्व में भारत की हॉकी उपलब्धियों का चरम था। बता दें, सेवानिवृत्त होने के बाद भी, उन्होंने खेल में योगदान देना जारी रखा। उन्होंने पटियाला के राष्ट्रीय खेल संस्थान में मुख्य कोच के रूप में सेवा करने के अलावा राजस्थान में कई कोचिंग शिविरों में भी पढ़ाया।
क्या है इस दिन का महत्व?
राष्ट्रीय खेल दिवस पर हर साल भारत के राष्ट्रपति उन खिलाड़ियों और कोचों को सम्मानित करने के लिए खेल से जुड़े सभी पुरस्कार जैसे अर्जुन पुरस्कार, द्रोणाचार्य पुरस्कार और राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार देते हैं, जिन्होंने अपने-अपने खेल में देश को गौरवान्वित किया है।
खेलो इंडिया आंदोलन, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 में किया था, खेलों के उन पहलों में से एक है जिसे सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में इस दिन शुरू किया है।
इस दिन देश भर में विभिन्न टूर्नामेंट आयोजित किए जाते हैं। कई कॉलेज, स्कूल और ऑफिस में इस दिन के महत्व को ध्यान में रखते हुए सेमिनार और खेल आयोजित करते हैं।