एलसीए तेजस को मिलेगी नई ताकत: भारत पहुंचा GE-404 इंजन का दूसरा बैच

नई दिल्ली 
भारत रक्षा क्षेत्र में अपने कदम लगातार मजबूत कर रहा है। अमेरिका से LCA मार्क 1A फाइटर जेट प्रोग्राम के लिए दूसरा GE-404 इंजन नई दिल्ली पहुंच गया है। डिफेंस अफसरों के मुताबिक, यह इंजन पब्लिक सेक्टर कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को मिला। इस फाइनेंशियल ईयर के अंत तक एचएएल को 12 और GE-404 इंजन मिलने की उम्मीद है। ये इंजन LCA मार्क 1A फाइटर जेट्स में लगाए जाएंगे। हालांकि, अमेरिकी इंजन मैन्युफैक्चरिंग कंपनी को सप्लाई चेन मसलों की वजह से इन इंजनों की डिलीवरी में एक साल से ज्यादा की देरी हो चुकी है।

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इस साल की शुरुआत में जीई एयरोस्पेस ने एचएएल को LCA मार्क 1A के लिए 99 F404-IN20 इंजनों में से पहला इंजन डिलीवर किया था। HAL अब इन इंजनों को मार्क 1A फाइटर जेट्स में इंटीग्रेट करने और इंडियन एयर फोर्स (IAF) को 10 से ज्यादा ऐसे प्लेन सप्लाई करने की प्लानिंग कर रहा है। आईएएफ ने 83 LCA मार्क 1A फाइटर जेट्स के ऑर्डर दिए हैं। 97 और प्लेन खरीदने का प्रस्ताव डिफेंस मिनिस्ट्री से क्लियरेंस मिलने के बाद अब एडवांस्ड स्टेज में है। हाल ही में प्रिंसिपल सेक्रेटरी पीके मिश्रा ने बेंगलुरु में एचएएल की फैसिलिटीज का दौरा किया और एलसीए मार्क 2 प्रोजेक्ट के साथ-साथ मार्क 1A प्रोग्राम को भी रिव्यू किया।

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साल 2035 का रखा गया लक्ष्य
एलसीए मार्क 2 प्रोजेक्ट को 2035 तक मिराज 2000, जगुआर और मिग-29 जैसे पुराने फाइटर जेट्स की जगह लेने के लिए तैयार किया जा रहा है। अगले 10 सालों में भारत 400 से ज्यादा स्वदेशी LCA एयरक्राफ्ट बनाएगा जिनमें अमेरिकी जीई इंजन वेरिएंट्स का इस्तेमाल होगा। LCA मार्क 2 के डेवलपमेंट के लिए 9000 करोड़ रुपये से ज्यादा की मंजूरी दी गई है जो एलसीए तेजस का अपडेटेड और ज्यादा पावरफुल वर्जन होगा। जून 2023 में पीएम मोदी की अमेरिकी यात्रा के दौरान GE इंजन की मैन्युफैक्चरिंग के लिए टेक्नोलॉजी ट्रांसफर पर बातचीत हुई थी। आने वाले सालों में तेजस वायुसेना का सबसे बड़ा फाइटर जेट फ्लीट बनने वाला है।

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