राजस्थान-टोंक में मंडी सचिव ने काटे हरे पेड़, अधिकारियों से शिकायत के बाद पकड़ा मामले ने तूल

टोंक.

टोंक जिले में निवाई कृषि मंडी सचिव कमल किशोर सोनी की मनमानी का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। जिलेभर के किसानों ने राष्ट्रीय किसान महापंचायत युवा प्रदेशाध्यक्ष रामेश्वर चौधरी के नेतृत्व में जिला कलेक्टर डॉ सौम्या झा को ज्ञापन सौंपकर निलंबित करने की मांग उठाई है। प्रदेशाध्यक्ष रामेश्वर चौधरी ने बताया कि कृषि उपज मंडी समिति निवाई सचिव द्वारा पद का दुरपयोग, महिला किसानों के खिलाफ षड्यंत्र, मंडी समिति के पैसों का दुरपयोग, उच्चाधिकारियों को गुमराह, असत्य, किसान विरोधी गतिविधियों एवं विभाग की छवि को धूमिल कर रहे है।

मंडी सचिव कमल किशोर सोनी महिला किसान के खिलाफ झूठा प्रकरण रच रहे हैं। प्रशासन द्वारा पुलिस थाने में प्राथमिक सूचना दर्ज करावें तथा हस्ताक्षर की जांच मंडी समिति के कार्मिकों व सचिव क़ृषि उपज मंडी समिति की जांच कराने की मांग उठाई है। चौधरी ने बताया कि कृषि उपज मंडी समिति निवाई (अ) श्रेणी होने के उपरांत भी सचिव द्वारा मंडी समिति के पैसों का दुरपयोग, नियमों के विरुद्ध एवं उच्चाधिकारियों को गुमराह, हरे-भरे वृक्षों को जानबूझकर समाप्त करना, चहितो को लाभान्वित करने एवं महिलाओं किसानों के प्रति षड्यंत्र सहित विभिन्न गतिविधियों करतें नजर आ रही है। कंप्यूटर ऑपरेटर कृष्णाबाई जाट पर मंडी सचिव द्वारा षड्यंत्र रचते हुए घोटालों का आरोप लगाया है। मंडी परिसर में गेट पास उन्हीं किसानों के काटे जाते हैं, जो कृषि जींस लेकर मंडी परिसर में आता है। मंडी परिसर में किसी भी किसान से जमीन हैं या नहीं इसकी कोई जानकारी भी नहीं ली जाती है। क्योंकि मंडी समिति की आय किसान की जिंस आने पर ही निर्भर है। किसान से भी मंडी में 50 पैसे किसान सुविधा शुल्क के नाम से लिये जातें हैं। महिलाओं को प्रोत्साहन देने के लिए राजस्थान सरकार द्वारा मंडी परिसर में जींस का बेचान ई-नाम योजना के माध्यम से करने पर सावित्रीबाई फुले योजना के माध्यम से महिलाओं को 50,000 रूपए 1,00,000 रूपए पर प्रोत्साहन राशि 500 रूपये व 1000 रूपये दिये जाते हैं। कृष्णा बाई जाट एक जागरूक किसान भी है, इस कारण उसने पूर्व में भी प्रोत्साहन राशि जारी की गई थी, जिस पर किसी भी किसान की और से कोई आपत्ति नहीं थी। सचिव द्वारा 05-12-2024 को गेट पास नंबर 156 मूंगफली की जींस लाने के उपरांत भी कृषि मंडी सचिव ने ई-नाम योजना का फायदा एवं ऑनलाइन भुगतान नहीं करने दिया। जिस कारण महिला कृष्णा बाई जाट को प्रोत्साहन राशि से वंचित रहना पड़ा। इसकी शिकायत मुख्यमंत्री राजस्थान को जिला कलेक्टर के माध्यम से की गई थी। मंडी सचिव निवाई ने स्वयं के कंप्यूटर (लैपटॉप) में प्रार्थना-पत्र लिखते हुए। विधायक, ज़िलास्तर प्रमुख, जिला कलेक्टर, उपखंड अधिकारी, सचिव के नाम रामलाल चौधरी निवासी डांगरथल तहसील निवाई बताते हुए हस्ताक्षर सहित आरोप लगाया जब किसानों ने मंडी सचिव से मुलाकात की तों शिकायत को पढ़कर किसानों को सुनाया एवं वीडियो भी बनाया। जब यह जानकारी वीडियोग्राफी से किसान महापंचायत यूथ प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद चौधरी को प्राप्त हुई तो गांव डांगरथल पहूंचकर रामपाल चौधरी की जानकारी की तो इस नाम से कोई वहां व्यक्ति ही। सरपंच द्वारा इस नाम के व्यक्ति नहीं होने की पुष्टि उनके लेटर हेड पर लिखित में भी निदेशक कृषि विपणन बोर्ड सहित जिला कलेक्टर एवं प्रमुख शासन सचिव के नाम भी पत्र जारी किया।

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