कनाडा
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की खालिस्तानियों से दोस्ती एक बार फिर चर्चा में है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के मोस्ट वांटेड गैंगस्टर अर्श डल्ला को कनाडा की अदालत ने महज 30 हजार डॉलर के निजी मुचलके पर जमानत दे दी है। अर्श डल्ला पर भारत में 70 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें कई हत्याओं और आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप हैं। इस फैसले ने एक बार फिर कनाडा में खालिस्तान समर्थक आतंकियों के प्रति सहानुभूति को उजागर किया है। अर्श डल्ला, जो कभी लॉरेंस बिश्नोई गैंग का सदस्य था, अब अपने पुराने सहयोगियों से जानी दुश्मनी बना चुका है। इस मामले की अगली सुनवाई 24 फरवरी 2025 को होगी। भारत सरकार अर्श डल्ला के प्रत्यर्पण के लिए कनाडा से बातचीत की तैयारी कर रही थी, लेकिन अदालत से जमानत मिल जाने के बाद मामला और जटिल हो गया है।
कनाडा में गिरफ्तारी, फिर जमानत
भारत में आतंकी गतिविधियों में लिप्त अर्श डल्ला को कनाडा पुलिस ने 28 अक्टूबर 2024 को गिरफ्तार किया था। वह खालिस्तान टाइगर फोर्स का प्रमुख है और पंजाब के युवाओं को कनाडा बुलाकर आतंकवाद में शामिल करने का आरोप है। पुलिस को उसके पास से कई हाईटेक हथियार भी मिले थे, जिससे उसकी आतंकवादी गतिविधियों की गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है। अर्श डल्ला पर आरोप है कि वह भारत में हत्याओं और वसूली के मामलों में भी सक्रिय रहा है और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के साथ उसका संपर्क रहा है। भारतीय एजेंसियां उसे भारत लाकर इन मामलों में उसकी जांच करना चाहती हैं।
गोलीबारी और गिरफ्तारी की कहानी
28 अक्टूबर 2024 की रात कनाडा में एक गोलीबारी की घटना हुई, जिसमें अर्श डल्ला घायल हो गया था। सूत्रों के मुताबिक, वह अपने साथी गुरजंत सिंह के साथ कार में जा रहा था, तभी कार में रखी बंदूक से एक्सिडेंटली गोली चल गई। गोली डल्ला के दाहिने हाथ में लगी और उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। बाद में उसे गिरफ्तार कर लिया गया। डल्ला ने पुलिस को अपनी गिरफ्तारी से पहले एक झूठी कहानी सुनाई थी, जिसमें उसने खुद पर हमले का दावा किया था।
भारत के लिए खतरा
अर्श डल्ला का पूरा नाम अर्शदीप डल्ला है और वह पंजाब के मोगा जिले का निवासी है। भारत में उसकी गिरफ्तारी के बाद उसकी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। वह कनाडा में बैठकर भारतीय युवाओं को आतंकवादी समूहों में शामिल करता है और आतंकवादी घटनाओं को अंजाम दिलवाता है। भारत सरकार और सुरक्षा एजेंसियां उसे गिरफ्तार करने और उसके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए तत्पर हैं।