नए साल की बधाई देने से भी दूर रहें मुसलमान, बरेली के मौलाना का ऐलान

बरेली

दो दिन बाद नए साल यानी अंग्रेजी नववर्ष 2025 का आगाज होने वाला है. इस मौके पर जश्न मनाने और एक-दूसरे को मुबारकबाद देने के लिए होटल, रिसॉर्ट और पर्यटन स्थलों में तमाम कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. इस पर चश्मे दारूल इफ्ता के हेड मुफ्ती और मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने एक फतवा जारी कर दिया है. कहा है कि नए साल का जश्न मनाना, मुबारकबाद देना और जलसा आयोजित करना इस्लामी शरीयत की रोशनी में नाजायज है.

ये भी पढ़ें :  PM किसान सम्मान निधि की 20वीं किस्त जारी, ऐसे जानें आपके खाते में पैसे आए या नहीं

फतवे में कहा गया है कि नया साल जनवरी से शुरू होता है जो ईसाइयों का नया साल है. ईसाइयों की मजहबी धार्मिक मान्यता है कि वो हर साल के पहले दिन ज़श्न मनाते हैं, इसमें तमाम कार्यक्रम का आयोजन करते हैं. ये ईसाइयों का खालिस 'मजहबी शिआर' यानी कि धार्मिक कार्यक्रम है, इसलिए मुसलमानों को नए साल का जश्न मनाना जायज नहीं है. इस्लाम इस तरह के कार्यक्रमों को सख्ती के साथ रोकता है.

ये भी पढ़ें :  'देश और धर्म की रक्षा के लिए हिंसा करनी पड़े तो यह धर्म सम्मत है', बोले CM योगी

मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने फतवे में कहा- नए साल का जश्न मनाना, एक-दूसरे को मुबारकबाद देना, पटाखे दागना, तालियां बजाना, शोर मचाना, सीटियां बजाना, लाइट बंद करके हुड़दंग करना, फिर लाइट को दोबारा जलाना, नाच-गाना करना, शराब पीना, जुआ खेलना, अपने मोबाइल वॉट्सएप से एक-दूसरे को मैसेज भेजकर मुबारकबाद देना, ये सारे काम इस्लामी शरीयत की रोशनी में नाजायज हैं.

ये भी पढ़ें :  यूपी के शहरों में शांतीपूर्ण तरीके मनी बकरीद, अलर्ट पर पुलिस बल

फतवे में मुसलमानों से कहा गया है कि गैरों के धार्मिक त्योहारों में शामिल होने, या खुद करने, या उसका एहतमाम देखने से बचें और दूसरे मुसलमानों को भी रोंके. अगर कोई व्यक्ति इस तरह का गैर शरई काम अंजाम देता है तो वो सख्त गुनहगार होगा. मुसलमानों को चाहिए कि शरीयत के खिलाफ कोई भी काम न करें.

 

Share

Leave a Comment