नासा का ‘चंद्रयान’ एयरोस्पेस ब्लू घोस्ट आज चांद पर लैंड हो सकता है

नई दिल्ली
नासा का 'चंद्रयान' एयरोस्पेस ब्लू घोस्ट आज ही चांद पर लैंड हो सकता है। अमेरिकी कंपनी इंटुएटिव मशीन्स ने चंद्रमा पर यूएस नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) के विज्ञान पेलोड पहुंचाने के लिए यह मिशन लॉन्च किया था। मिशन, जिसका कोडनेम आईएम-2 है, बुधवार शाम को फ्लोरिडा में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट पर रवाना हुआ था। नासा के अर्टेमिस प्रोग्राम के तहत इंसानों को चांद पर बसाने के लिए जरूरी स्थिति की जानकारी जुटाने के लिए यह मिशन लॉन्च किया गया है। ऐसे में नासा ने इसे ऐतिहासिक मिशन बताया है।

ब्लू घोस्ट की लैंडिंग चांद पर दूर तक फैले मैदानी इलाके मेयर क्रिसियम में होनी है। वैज्ञानिक अध्ययन के लिए उपयुक्त स्थान का चयन करने के बाद इसकी लैंडिंग का प्रयास किया जा रहा है। सतह पर उतरने के बाद यह लैंडर 14 दिनों तक काम करेगा। यह जो भी प्रयोग करेगा उससे नासा को वहां के पर्यावरण के बारे में जानकारी जुटाने में मदद मिलेगी। इस मिशन पर नासा के 10 पेलोड भेजे गए हैं। लैंडर यह भी पता लगाएगा कि चांद के अंदर से कितना हीट फ्लो होता है। इसके अलावा पता लगाने का प्रयास होगा कि चांद पर आसानी से लैंडिंग के लिए क्या किया जा सकता है और यह किन जगहों पर आसान साबित होगा। इसके अलावा एक्स रे इमेजिंग के जरिए पृथ्वी की भी मैग्नेटोस्फेयर का अध्ययन किया जाएगा। चांद की मिट्टी किस तरह से सतह पर व्यवहार करती है इसका अध्ययन भी नासा करने का प्रयास करेगा।

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आईएम-2 चंद्र गतिशीलता, संसाधन पूर्वेक्षण और उप-सतह सामग्री से अस्थिर पदार्थों के विश्लेषण को प्रदर्शित करने के लिए तैयार है, जो पृथ्वी से परे जल स्रोतों को उजागर करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इंटुएटिव मशीनों के अनुसार, चंद्र सतह और अंतरिक्ष दोनों पर स्थायी बुनियादी ढांचे की स्थापना के लिए एक प्रमुख घटक है। गौरतलब है कि पिछले साल, इंटुएटिव मशीन्स ने इतिहास रचा जब इसके पहले चंद्र लैंडर ओडीसियस ने चंद्र सतह पर एक नरम टचडाउन किया, जो 50 से अधिक वर्षों में चंद्र सतह पर उतरने वाला पहला अमेरिकी अंतरिक्ष यान था।

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यह मिशन इसलिए भी खास है क्योंकि प्राइवेट कंपनी के लैंडर को चांद पर भेजा गया है। ऐसे में चाहे आगे के मंगल मिशन हों या फिर लूनर मिशन, प्राइवेट कंपनियों के सहयोग से स्पेस मिशन आसान हो जाएंगे। इस बार इसकी शुरूआत हो रही है। अगर ब्लू घोस्ट सफल होता है तो कमर्शल लूनर प्रोग्राम के रास्ते खुल जाएंगे।

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