जयपुर।
भारत सरकार आयुष मंत्रालय और राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय, प्रतापनगर जयपुर के संयुक्त तत्वाधान में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के निदेशक श्री विजय पाल सिंह सहित समस्त अधिकारियों और कर्मचारियों का शुक्रवार को "प्रकृति परीक्षण" गमोबाइल ऐप के जरिए स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। आयुष मंत्रालय द्वारा यह पहल आयुर्वेदिक सिद्धांतों के आधार पर आमजन की प्रकृति का निर्धारण करने और उनके स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए की जा रही है।
सचिवालय परिसर में कार्यरत वरिष्ठ चिकित्साधिकारी प्रभारी वैद्य राजेश शर्मा ने बताया कि समस्त अधिकारियों और कर्मचारियों का प्रकृति परीक्षण नोडल अधिकारी डॉ. कामिनी कौशल के नेतृत्व में डॉ. मीना मीनू व उनकी टीम के द्वारा किया गया। उन्होंने बताया कि प्रकृति परीक्षण एक समग्र सर्वेक्षण आधारित मोबाइल एप्लीकेशन है जो उपयोगकर्ता को प्रारंभिक आयुर्वेद सिद्धांत के आधार पर प्रकृति निश्चित करने में मदद करता है। डॉ. शर्मा ने प्रकृति परीक्षण के दौरान हर व्यक्ति के त्रि दोषों (वात ,पित्त और कफ) का पता लगाकर उसके अनुसार खुद को स्वस्थ रखने के लिए दिनचर्या में छोटे-छोटे बदलाव लाकर स्वस्थ रहने के लिए मार्गदर्शन दिया। डॉ. शर्मा ने बताया कि प्रकृति परीक्षण एप्लीकेशन के माध्यम से हर व्यक्ति को अपने स्वास्थ्य से संबंधित नई जानकारियां समय- समय पर मिलती रहेंगी और इस महत्वपूर्ण पहल से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का " स्वस्थ जन, स्वस्थ राष्ट्र" का सपना जल्द पूरा हो सकेगा।