पाकिस्तान की बलूचिस्तान नेशनल पार्टी का लगातार 10वें दिन पाकिस्तान सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी

क्वेटा
पाकिस्तान की बलूचिस्तान नेशनल पार्टी (बीएनपी) का रविवार को लगातार 10वें दिन पाकिस्तान सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने धमकी दी है कि अगर पार्टी प्रांतीय राजधानी के रेड जोन में मार्च करती है, तो कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

बीएनपी-एम प्रमुख अख्तर मेंगल के नेतृत्व में चल रहे विरोध प्रदर्शन ने 6 अप्रैल को मस्तंग के लकपास क्षेत्र से क्वेटा पहुंचने का संकल्प लिया है। बता दें कि महरंग बलूच की रिहाई सहित उनकी मांगों को स्वीकार करने की समय सीमा शनिवार आधी रात को समाप्त हो गई थी।

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पाकिस्तान  रिपोर्ट के अनुसार, पार्टी पिछले 10 दिनों से बलूचिस्तान में राजनीतिक कार्यकर्ताओं के जबरन गायब होने और महरंग बलूच सहित बलूच यकजहती समिति (बीवाईसी) के नेताओं की अवैध हिरासत के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही है।

बलूचिस्तान सरकार के प्रवक्ता शाहिद रिंद ने शनिवार को क्वेटा में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि प्रांतीय सरकार ने बातचीत की और प्रस्ताव दिया कि बीएनपी-एम को सरियाब रोड पर शाहवानी स्टेडियम तक जाने की अनुमति दी जाएगी।

हालांकि, सरकार के इस फैसले से पार्टी सहमत नहीं है और वे रेड जोन में प्रदर्शन करना चाहती है, लेकिन सरकार ने उनके इस प्रस्ताव को स्वीकार करने से इनकार कर दिया और शहर के रेड जोन का उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी। इस बीच, बीएनपी-एम ने सरकार पर आक्रामक रणनीति अपनाने का आरोप लगाया और कहा कि सुरक्षा बलों ने उनके नेता मेंगल और धरना प्रदर्शन में मौजूद लोगों को घेर लिया है।

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मेंगल ने एक्स पर लिखा, "हम वर्तमान में लकपास में तैनात हैं, जो पूरी तरह से सुरक्षा बलों से घिरा हुआ है। हमारे खिलाफ एक बड़ा ऑपरेशन होने वाला है। मैं सभी जिलों से अपील करता हूं कि विरोध में तुरंत सभी राष्ट्रीय राजमार्ग बंद कर दें। दुनिया को यह अन्याय देखने दें।"

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उन्होंने कहा, "हम शांतिपूर्ण लेकिन दृढ़ हैं। आज जो कुछ भी होगा, इसके परिणाम, खूनखराबा, नतीजे, उसकी जिम्मेदारी पूरी तरह सरकार और स्थानीय प्रशासन पर होगी।" बीएनपी-एम का धरना मस्तंग के बाहरी इलाके लकपास क्षेत्र में जारी रहा, क्योंकि इससे पहले बीएनपी-एम नेतृत्व और प्रांतीय सरकार के बीच बातचीत के तीन दौर यूं ही खत्म हो गए थे। पार्टी ने महरंग बलूच और अन्य बलूच यकजहती समिति (बीवाईसी) नेताओं की रिहाई तक विरोध वापस लेने से इनकार कर दिया है।

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