अमानवीय हालात में जीने को मजबूर गाजा के लोग: संयुक्त राष्ट्र

गाजा
 संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि गाजा पट्टी में लोग अमानवीय हालात में जिंदगी जीने को मजबूर हैं। नियर ईस्ट में फिलिस्तीन शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत एवं कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) ने एक्स पर लिखा, “गाजा में स्वच्छता और रहने की स्थिति अमानवीय है।”

यूएनआरडब्ल्यूए के मुताबिक, “गाजा के मध्य क्षेत्रों में कचरे के पहाड़ जमा हो रहे हैं, सीवेज का पानी सड़कों पर बह रहा है, परिवार कचरे के ढेर के पास रहने को मजबूर हैं।’

यूएन एजेंसी ने तत्काल युद्ध विराम की अपील की है।

ये भी पढ़ें :  प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के लिये सरकार कृत-संकल्पित : मंत्री कुशवाह

बता दें कि 7 अक्टूबर 2023 को फिलिस्तीनी आतंकवादी ग्रुप हमास ने इजरायल में बड़ा हमला किया था। इसमें लगभग 1,200 लोग मारे गए थे और करीब 250 का अपहरण किया गया था।

इसके बाद इजरायल ने हमास के खिलाफ युद्ध की घोषणा कर दी और गाजा पट्टी में सैन्य ऑपरेशन शुरू किया। इजरायली हमलों में गाजा में बड़े पैमाने पर जानमाल का नुकसान हुआ है।

अलजजीरा की सोमवार की एक रिपोर्ट के मुताबिक अक्टूबर से अब तक गाजा में इजरायली हमलों में कम से कम 41,595 लोग मारे गए हैं और 96,251 घायल हुए हैं।

ये भी पढ़ें :  योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की अहम बैठक, 11 अहम प्रस्तावों पर लगी मुहर

गाजा में इजरायली का मिलिट्री ऑपरेशन जारी है। इस बीच पिछले कुछ दिनों से यहूदी राष्ट्र, लेबनान में बड़े पैमाने पर हवाई हमले कर रहा है।

इजरायली सेना के निशाने पर लेबनानी आतंकी संगठन हिजबुल्लाह है। इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) के हमलों में हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह भी मारा गया है। इसके अलावा संगठन के कई सीनियर कमांडरों की भी मौत हो चुकी है।

लेबनान में इजरायल के हवाई हमले जारी हैं। राजधानी बेरूत में एक इजरायली एयर स्ट्राइक में पॉपुलर फ्रंट फॉर द लिबरेशन ऑफ फिलिस्तीन के तीन सदस्य मारे गए। यह हमला बेरूत के अल कोला क्षेत्र में एक रेजिडेंशियल बिल्डिंग पर हुआ।

ये भी पढ़ें :  चीन अपने इंजीनियरिंग मार्वल के एक और नमूने को जल्द ही पूरी दुनिया के सामने पेश करने जा रहा

लेबनानी राजधानी पर यह पहला हमला है। समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने अल-जदीद स्थानीय टीवी चैनल के हवाले से बताया कि इससे पहले के हमले बेरूत के दक्षिणी उपनगरों पर केंद्रित थे।

घनी आबादी वाले अल कोला इलाके में इजरायली हवाई हमलों से बचने के लिए विस्थापित लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी है।

 

 

Share

क्लिक करके इन्हें भी पढ़ें

Leave a Comment