उर्वशी मिश्रा, रायपुर/ गोवा
गोवा स्थित परिपूर्ण अध्यात्मशास्त्र एवं साधना के प्रचार-प्रसार के लिए कार्यरत सनातन संस्था द्वारा संस्था के प्रमुख, पूज्य गुरूदेव डॉ. जयंत आठवलेजीं के जन्मोत्सव पर 18 से 19 मई 2025 को “सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव” में प्रबल प्रताप सिंह जूदेव जी को “सनातन धर्मश्री पुरस्कार” से सम्मानित किया गया।
यह कार्यक्रम संस्था के रजत महोत्सव (25 वर्ष पूर्ण होने) के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया।
17 से 19 मई 2025 तक चलने वाले इस त्रि-दिवसीय महोत्सव का आयोजन गोवा में किया गया है, जिसमें धर्म रक्षा, राष्ट्र सेवा और सनातन मूल्यों की पुनर्स्थापना को लेकर विविध कार्यक्रमों का आयोजन हुआ।
अपने पिताजी श्रद्धेय दिलीप सिंह जूदेव जी के घर वापसी अभियान को आगे बढ़ाते हुए प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने हजारों लोगों को सनातन धर्म में पुनः प्रतिष्ठित किया है। धर्म जागरण और राष्ट्र सेवा के क्षेत्र में उनके अद्वितीय योगदान को मान्यता देते हुए उन्हें यह सम्मान प्रदान किया ।
कार्यक्रम में विष्णु शंकर जैन, सुरेश चव्हाणके, टायगर राजा सिंह, उदय महुरकर जैसे गणमान्य एवं धर्म एवं राष्ट्र उत्थान के लिए समर्पित भाव से कार्य करने वाले ऐसे कई महाअनुभावों को भी सम्मानित किया गया।
इस सम्मान को पाने के बाद प्रबल प्रताप जूदेव ने बताया कि ‘सनातन संस्था का हृदय से आभारी हूँ। इस महान सम्मान को मैं अपने पूज्य पिताजी कुमार दिलीप सिंह जूदेव को समर्पित करता हूँ, जो धर्मान्तरण के खतरे को समझते हुए एक राजा होते हुए सेवा भाव एवं अति विनयशीलता से धर्मान्तरित किए गए लोगों के पाँव पखारकर कर उनकी घरवापसी किया।’
कौन हैं प्रबल प्रताप सिंह जूदेव?
राज्य में प्रबल की अगुवाई में हिंदुत्व को मजबूत करने का काम किया जा रहा है। इससे पहले ‘जूदेव’ नाम यहां हिंदुत्व का प्रतीक रहा है। स्व. दिलीप सिंह जूदेव को हिन्दू कुल तिलक की उपाधि मिली हुई थी। इसी हिन्दुत्व के चलते जूदेव के जशपुर में कभी भाजपा का सूर्यास्त नहीं हुआ। प्रबल प्रताप सिंह जूदेव फ़िलहाल पूरे राज्य में घर वापसी का बिगुल फूँक रहे हैं।