जयपुर।
ऊर्जा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री हीरालाल नागर ने कहा कि सर्किल अधीक्षण अभियंता जिलों में डिस्कॉम्स के प्रतिनिधि हैं। उन्होंने अभियंताओं को निर्देश दिए कि वे विकेन्द्रित सौर ऊर्जा तथा फीडर सेग्रीगेशन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रदेश में बिजली वितरण कंपनियों द्वारा नवाचार के रूप में अपनाए जा रहे हाइब्रिड एन्युटी मॉडल को लेकर निचले स्तर तक डिस्कॉम कर्मचारियों के साथ संवाद करें और उनमें अनावश्यक भ्रम की स्थिति दूर करने में सहयोग करें।
नागर बुधवार को विद्युत भवन में डिस्कॉम्स चेयरमैन आरती डोगरा की उपस्थिति में जयपुर डिस्कॉम के अभियंताओं के साथ चर्चा कर रहे थे। उन्होंने फिर स्पष्ट रूप से कहा कि राज्य सरकार की बिजली कंपनियों के निजीकरण की कोई योजना नहीं है। कार्मिकों के सहयोग से राज्य सरकार प्रदेश के ऊर्जा क्षेत्र के सुदृढ़ीकरण की दिशा में आगे बढ़ रही है। ऊर्जा मंत्री ने इस दौरान आगामी वर्ष के रबी सीजन से प्रदेश के सभी फीडरों में समस्त कृषि उपभोक्ताओं को दिन में दो ब्लॉक में 6 घंटे सप्लाई सुनिश्चित करने की कार्ययोजना तैयार करने, पीएम सूर्य घर योजना को जन-जन तक पहुंचाने, विद्युत छीजत रोकने आदि के संबंध में दिशा-निर्देश दिए। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने, वर्ष 2027 तक किसानों को खेती के लिए दिन में बिजली सुलभ कराने, प्रदेश की बिजली कंपनियों की आर्थिक स्थिति को बेहतर करने की मंशा के साथ काम कर रही है। इसके लिए केन्द्रीय उपक्रमों के साथ एमओयू करने, कुसुम एवं आरडीएसएस योजना को गति देने जैसे काम किए जा रहे हैं। उन्होंने इस दिशा में डिस्कॉम्स प्रबंधन द्वारा किए जा रहे प्रयासों को भी सराहा। डिस्कॉम्स चेयरमैन सुश्री आरती डोगरा ने ऊर्जा मंत्री को कुसुम योजना तथा बेहतर विद्युत आपूर्ति के लिए किए जा रहे प्रयासों से अवगत कराया। इस अवसर पर जयपुर डिस्कॉम के तकनीकी निदेशक, मुख्य लेखा नियंत्रक, जोनल मुख्य अभियंता, सर्किल के अधीक्षण अभियंता सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।