आज कटगी पहुंचेगी ‘रामराज्य युवा यात्रा’, प्रसिद्ध कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर और बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री भी यात्रा में हो रहे शामिल

 

उर्वशी मिश्रा, कसडोल/कटगी, 04 जनवरी, 2023


 

 

ऐतिहासिक यात्रा आज कसडोल विधानसभा के ग्राम कटगी पहुंचेगी। 15 दिसंबर से श्रीलंका से निकली ‘रामराज्य युवा यात्रा’ 19 जनवरी को अयोध्या पहुंचेगी। यात्रा का विभिन्न शहरों में इसका विभिन्न संगठनों और सनातनियों द्वारा स्वागत किया जा रहा है। इस यात्रा के स्वागत के लिए कटगी के रहवासियों में खुशी का माहौल है।

यात्रा राजधानी रायपुर से सुबह 9 बजे रवाना होकर, मुरा, पलारी, सिरपुर, तुरतुरीया होते हुए तकरीबन शाम 4 बजे कटगी पहुंचेगी ।

इस ऐतिहासिक यात्रा का नेतृत्व प्रदोष सुरेश चहाणके कर रहे हैं। यात्रा का मार्गदर्शन रामायण सर्किट के अध्यक्ष के डॉक्टर रामअवतार शर्मा जी कर रहे हैं। जो इस मार्ग पर पूर्व में ही 18 बार यात्रा कर चुके हैं और अपना पूरा जीवन श्रीराम वनगमन पथ की खोज और शोध कर चुके हैं ।

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यात्रा में प्रमुख रूप से शामिल होने वाली विभूतियां

यात्रा में आचार्य महामंडलेश्वर, जूना पीठाधीश्वर अवधेशानंद गिरि जी महराज आचार्य सभा के महासचिव, महामंडलेश्वर परमात्मानंद सरस्वती जी महाराज, बागेश्वर धाम के धीरेन्द्र शास्त्री जी, विख्यात कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर जी अलावा कई और साधु संत, कथावाचक और मीडिया के मित्रों के साथ कई धार्मिक
विभूतियाँ भी शामिल हो रही हैं, साथ ही जनप्रतिनिधियों और सामाजिक-धार्मिक संगठन के लोग भी बढ़ चढ़ कर इस दिव्य यात्रा में अपना योगदान कर रहे हैं।

यात्रा से जुड़ी बड़ी बातें

रामराज्य युवा यात्रा श्री राम से संबंधित सभी पौराणिक महत्व वाले स्थानों पर जा रही है, यही नहीं श्रीराम के वनवास काल के लोकप्रिय प्रसिद्ध स्थलों पर धर्म संसद, कविता पाठ और पूज्य संतों के समागम कराये जा रहे हैं। साथ ही यात्रा उन महत्वपूर्ण पड़ावों पर भी पहुंच रही है जो अब भी आम जनमानस से अनछुई रह गई है। यात्रा के दौरान हम श्रीराम के जीवन से जुड़े तमाम अनछुए पहलुओं को भी प्रकाश में लाने की कोशिश कर रहे हैं।

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यात्रा के मुख्य उद्देश क्या हैं?

इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य युवाओं में श्रीराम के चरित्र निर्माण व संस्कारों को बढ़ावा देना, समाज के अंदर के रावणों का अंत करना, परिवारों में प्रबोधन से एकता व आत्मीयता का निर्माण करना, राष्ट्र-धर्म भक्ति को बढ़ावा देना, वनवास के समय श्री राम जी को सहयोग करने वाले वनवासियों का धन्यवाद करना है, क्योंकि प्रभु श्रीराम जी रावण से युद्ध जीतने के बाद अयोध्या पुष्पक विमान से गए थे इसलिए लौटते समय वनवासियों को मिल नहीं पाए थे।

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इस यात्रा का प्रसारण सुदर्शन न्यूज चैनल सहित कई, प्रादेशिक व धार्मिक न्यूज चैनलों के साथ ही सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भी किया जा रहा है। जाने माने यूट्यूबर भी यात्रा में सहभागी हो कर इसे करोड़ों लोगो तक पहुंचाने में अपना योगदान दे रहे है। यह यात्रा कई मायनों में इतिहास बनाऐगी। अब तक इस प्रकार की यात्रा का आयोजन कभी नहीं हुआ है।

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