लिन लैशराम के साथ विवाह की रस्मों पर रणदीप हुड्डा का चौंकाने वाला खुलासा

मुंबई 
बॉलीवुड एक्टर रणदीप हुड्डा ने हाल ही में फिल्म 'जाट' में अपनी परफॉर्मेंस से फैंस को खूब इंप्रेस किया. वहीं अब एक्टर ने अपनी शादी को लेकर एक चौंकाने वाला खुलासा किया है. रणदीप हुड्डा ने नवंबर 2023 में लिन लैशराम के साथ मैतई रीति-रिवाजों से शादी रचाई थी. हाल ही में रणदीप ने अपनी शादी के दौरान हुई रस्मों के बारे में बात की जहां उनसे एक कटोरी में पेशाब करने के लिए कहा गया था.

मिड डे को दिए इंटरव्यू में रणदीप हुड्डा ने कहा- 'शादी की रस्मों में मेरे साथ एक हेल्पर था, जो ट्यूटर की तरह था. इसलिए जब दूल्हा अपना सामान अपने सिर पर रख लेता है, तो आप अपना सिर नहीं झुका सकते. आप सेरेमनी में जाते हैं और वे आपको एक कटोरा और एक छाता देते हैं. फिर वे आपको एक होल्डिंग एरिया में रखते हैं, जहां हर किसी को आकर आपको देखना होता है और आपको बहुत सम्मानजनक दिखना होता है.'

ये भी पढ़ें :  बुधवार 26 मार्च 2025: बदल जाएगी इन राशियों की किस्मत, मिलेगी बड़ी सफलता

मंडप में हिलना-डुलना था मना
रणदीप हुड्डा ने आगे बताया- 'एक बार जब आप मंडप में होते हैं, जहां सभी मिदांग प्लेयर्स गर्मी में नमक छिड़कते हैं और सभी पंडित मंत्र पढ़ते हैं, तो आपको हिलना नहीं चाहिए. वो आपके चारों तरफ से एक कंबल में लपेट देते हैं. इसलिए अगर मैं आराम की पोजीशन में बैठता हूं, तो हेल्पर मुझे सही करता है और कहता है कि तुम्हें सबसे अच्छा दिखना है, तुम आज भगवान हो. दो घंटे तक मुझे अपनी पीठ सीधी करके और सिर ऊपर करके बैठना पड़ा.'

ये भी पढ़ें :  शुक्रवार 1 नवंबर 2024 का राशिफल

पेशाब करने के लिए एक्टर को दी गई थी कटोरी
'जाट' एक्टर ने कहा- 'फिर मैंने पूछा कि कटोरा किस
लिए है तो उसने कहा कि अगर आपको पेशाब करना हो, तो तुम बस छाता खोलो और इसमें पेशाब करो, आप यहां से नहीं हट सकते क्योंकि आप भगवान हो. और जब वह (लिन) आई, तो उसके पास एक ट्यूटर भी था. उसे बहुत डांट पड़ी. वो मुस्कुरा रही थी और आपको मुस्कुराना नहीं चाहिए, इसलिए हेल्पर आकर कहते थे कि मुस्कुराना बंद करें.' 

ये भी पढ़ें :  रंगभरी एकादशी यानी फाल्गुन मास की एकादशी, जानें तिथि और शुभ मुहूर्त

मणिपुरी संस्कृति को रणदीप ने बताया 'ऑर्गनाइज्ड'
हरियाणवी संस्कृति और मणिपुरी संस्कृति बहुत अलग है, भले ही दोनों ही बेहतरीन मुक्केबाज और खिलाड़ी पैदा करते हैं. हमारी संस्कृति बहुत ही असभ्य और भद्दी है और उनकी संस्कृति बहुत है. उसने बहुत सारा सोना पहना हुआ था और मैं ऐसा था कि चलो एक पिक्चर तो यहीं बन गई. वहां सिविल वॉर चल रही थी और जैसे ही फेरे खत्म हुए, सैकड़ों एके-47 हवा में उड़ने लगीं.

Share

Leave a Comment