‘श्री कृष्ण’ की केंद्र सरकार से इंडिया शब्द हटाये जाने की मांग, बोले-‘ये शब्द अंग्रेज़ों ने दिया’..धर्म परिवर्तन पर खुलकर बोले ये TV कलाकार

रविश अग्रवाल,न्यूज़ राईटर,रायपुर/रामानुजगंज दिनाँक 26सितंबर2023

 

संस्कार भारती के द्वारा स्थानीय गांधी मैदान में आयोजित कार्यक्रम में सम्मिलित होने महाभारत सीरियल में श्री कृष्ण के किरदार से प्रसिद्धि पाने वाले डॉ नितीश भारद्वाज रामानुजगंज पहुँच कर कार्यक्रम को संबोधित किया।

लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह में पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए भारद्वाज ने कहा कि मैं यहां कार्यक्रम में संस्कार भारती के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के हैसियत से सम्मिलित होने आया हूँ। देश भर में “हमारी संस्कृति हमारी पहचान” कार्यक्रम चलाया जाएगा जिसकी शुरुआत रामानुजगंज से हो रही है। हम सबको अपनी संस्कृति पर गौरव की अनुभूति होनी चाहिए उन्होंने कहा कि हम सबको नहीं भूलना चाहिए हमारी संस्कृति ही हमारी पहचान है।

नीतीश भारद्वाज जी ने कहा कि 1999 में राजनीति सभा को संबोधित करने आपके जिले में आया था। आज दूसरी बार संस्कार भारती के माध्यम से भारत का नागरिक होने के नाते जो मेरा कर्तव्य है उसे लेकर मैं आप सबके बीच आया हूं। उस समय आने का उद्देश्य कुछ और था अभी आने का उद्देश्य कुछ और है “हमारी संस्कृति हमारी पहचान” राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम का शुभारंभ रामानुजगंज की पावन धरा से हो रहा है। भारत शब्द पर आपत्ति करने वाले लोग भी भारत में उत्पन्न हो गए हैं हमारी संस्कृति क्या है ? हमारी सभ्यता क्या है। किस प्रकार से वह हमारी पहचान है ? पुनः समाज के सामने इस बात को रखना आवश्यक हो गया है। श्री कृष्ण का किरदार मैंने निभाया जितना प्यार एवं सम्मान मुझे मिला इसके बाद मेरी समाज में जवाबदारी भी बन जाती है जिसे मैं पूरा कर रहा हूं।

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नितीश भारद्वाज ने कहां की रामानुजगंज की पावन धरा से मैं मांग करता हूं कि भारत सरकार अंग्रेजों के दिए गए शब्द इंडिया को हटाए। उन्होंने कहा कि इंडिया शब्द अंग्रेजों का दिया हुआ है यह शब्द बिल्कुल हटना चाहिए। आज रामानुजगंज से यह माँग में भारत सरकार से करता हूँ । इस माँग को पुरजोर तरीके से हर मंच पर उठाता रहूँगा।

गीता में श्री कृष्ण ने कहा है मैं भी सनातन हूं, नितीश भारद्वाज ने कहा कि सनातन शब्द को समझना जरूरी है। गीता में श्री कृष्ण ने कहा है कि मैं भी सनातन हूँ। आत्मा भी सनातन है। समाज में जो अचेतन वर्ग है उसकी चेतना को पुनः जागृत करना है।

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मैं धर्म परिवर्तन के खिलाफ हूँ मेरा कहना है कि आपकी अनुकंपा धर्म परिवर्तन के बाद ही क्यों जागृत होती है। जो धर्म परिवर्तन करते हैं मेरा उनसे कहना है कि पहले जंगल में जाय और पहले कुछ पशु पक्षी के धर्म परिवर्तन करके दिखाएं। उन्होंने कहा कि पशुओं पक्षियों प्राणियों वन संपदा प्रकृति सब का एक अपना धर्म है उनमें से किसी एक का धर्म परिवर्तन करके दिखाएं। आपकी अनुकंपा मानवता के प्रति होनी चाहिए।

श्री कृष्ण के किरदार से अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कलाकार नितीश भारद्वाज के द्वारा स्थानीय गांधी मैदान में मेरी संस्कृति मेरी पहचान कार्यक्रम को जब संबोधित कर रहे थे तो हजारों लोगों ने मंत्र मुग्ध होकर उनका उद्बोधन सुना। श्री कृष्ण के किरदार में जिस प्रकार उन्होंने करोड़ों लोगों तक अपनी बात पहुंचाई उसी धारा प्रवाह शैली में जब बोलना शुरू किये तो लोग सिर्फ उन्हें सुनते रह गए। कार्यक्रम में पूर्व मंत्री रामविचार नेताम भी सम्मिलित हुए। कार्यक्रम का आकर्षक संचालन संस्कार भारती के प्रदेश महामंत्री हेमंत मेहुलकर ने किया।

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35 विभिन्न समाज के प्रमुख एवं सामाजिक संगठन के द्वारा नितीश भारद्वाज सम्मान किया गया। मंच पर नितीश भारद्वाज के साथ 35 विभिन्न समाज के प्रमुख लोग एवं सामाजिक संगठन के लोगों को जगह दी गई थी जिन्हें संस्कार भारती के द्वारा सम्मानित किया गया वहीं समाज के लोगों एवं सामाजिक संगठनों के द्वारा नितीश भारद्वाज का सम्मान किया गया।

देवतुल्य बच्चों का पुष्प वर्षा के साथ आरती भी किया गया। कार्यक्रम में सैकड़ो बच्चे राम, कृष्ण, सीता हनुमान, राधा सहित अन्य स्वरूप धारण करके आए थे।बच्चों का पुष्प वर्षा के साथ आरती नितीश भारद्वाज के द्वारा किया गया इस दौरान पूर्व मंत्री राम विचार नेताम,संस्कार भारती के जिला अध्यक्ष सच्चिदानंद तिवारी, कार्यकारी अध्यक्ष अंजय मेहता, संयोजक अनूप तिवारी,सुनील गुप्ता,शैलेश गुप्ता,दिवाकर मुखर्जी सहित अन्य लोग सम्मिलित रहे।

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