नई दिल्ली क्या कोई सोच सकता है कि भाजपा में एक दौर में अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी जैसे नेताओं को कोई यह कह सकता था कि अब उन्हें रिटायर हो जाना चाहिए। उन्हें अब युवाओं को मौका देना चाहिए। यह काम किया था राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघ चालक रहे कुप्पहल्ली सीतारमैया सुदर्शन ने। उन्होंने 2004 के लोकसभा चुनावों में भाजपा की हार के बाद इन दोनो नेताओं से यह कहते हुए अपना पक्ष रखा था कि भाजपा को चलाने के लिए अब नए और युवा नेताओं…
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