हाईकोर्ट ने बाघ को जहर देकर मारने का मामले में लिया स्वत: संज्ञान

बिलासपुर

तीन दिन पहले कोरिया वनमंडल में बाघ को जहर देकर मारने के मामले में हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर जवाब तलब किया है. बाघ की मौत के बाद वन विभाग के अफसर घटना स्थल पहुंचकर दो किलोमीटर के दायरे में रह रहे लोगों से पूछताछ करने में जुटे हैं.


बता दें कि पिछले हफ्ते शुक्रवार को वन अफसरों को गुरु घासीदास नेशनल पार्क से सटे एरिया में ग्रामीणों के माध्यम से मृत बाघ के बारे में जानकारी मिली. बाघ की बॉडी 2-3 दिन पुरानी थी. घटना की सूचना पाकर कोरिया डीएफओ, गुरु घासीदास नेशनल पार्क के डायरेक्टर, सीसीएफ सरगुजा सहित वन अफसर मौके पर पहुंचे. बाघ का पोस्टमार्टम कराने पर रिपोर्ट में उसे जहर देकर मारने की पुष्टि हुई है.

ये भी पढ़ें :  छत्तीसगढ़-मुंगेली के स्मेल्टर प्लांट हादसे में मृतकों के परिवारों को मिलेगा मुआवजा, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने जताई संवेदना

बाघ का पीएम वन विभाग, पुलिस, एनटीसीए के प्रतिनिधि व ग्रामीणों की उपस्थिति में चार सदस्यीय पशु चिकित्सकों की टीम ने किया. पोस्टमार्टम के बाद बाघ के जरूरी अंगों को लैब टेस्ट के लिए सुरक्षित रखा गया है. घटना के दूसरे दिन रायपुर से एपीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ घटना स्थल पहुंचे थे. बाघ को बदले की भावना से जहर देने की आशंका जताई जा रही है. बाघ द्वारा मवेशी के शिकार करने से मवेशी मालिक आक्रोशित हो गया होगा और उसने बाघ को मारने मवेशी के शेष बचे मांस में जहर मिलाकर दिया होगा.

ये भी पढ़ें :  राज्योत्सव-2024 में विभिन्न अलंकरणों से सम्मानित होने वाले विभूतियों के नाम हुए घोषित

संदेहियों से पूछताछ कर रहे अफसर
अफसर अलर्ट रहते तो जिस ग्रामीण के मवेशी का बाघ ने शिकार किया था, उस मवेशी के मालिक को वन अफसर तत्काल मुआवजा राशि उपलब्ध करा देते तो बाघ को जहरखुरानी से बचाया जा सकता था. घटना के पूर्व बाघ ने कहां-कहां विचरण किया, बाघ ने जिस जगह मवेशी का शिकार किया, उस जगह पहुंचकर मवेशी के बचे शेष मांस में किसने जहर मिलाया. इसकी जांच गोमर्डा अभयारण्य से आई डॉग स्क्वाड की टीम ने की है. संदेह के आधार पर वन विभाग के अफसर कुछ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रहे हैं.

Share

क्लिक करके इन्हें भी पढ़ें

Leave a Comment