नई दिल्ली
दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनियों में से एक Google अब 27 साल की हो गई है. साल 1998 में लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन ने इसकी शुरुआत की थी. बहुत कम लोगों की पता होगा की गूगल का पहला नाम Backrub था, जिसकी शुरुआत एक सिंपल सर्च इंजन के तौर पर हुई थी. वैसे इसका नाम आधिकारिक लॉन्च से पहले ही फाउंडर्स ने बदलकर गूगल कर दिया था.
ये सर्च इंजन आज लोगों के लिए इंटरनेट की पहचान बन चुका है. डिजिटल वर्ल्ड में गूगल लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन गया है. गूगल सर्च, यूट्यूब, एंड्रॉयड प्लेटफॉर्म, जीमेल, मैप और अब Google Gemini AI ये सभी हम लोगों की जिंदगी का हिस्सा बनते जा रहे हैं. इन सब के पीछे गूगल है.
दिलचस्प है कंपनी के लोगो की कहानी
गूगल के लोगो की कहानी भी बेहद दिलचस्प है. आपने ज्यादातर कंपनियों के लोगो सिंगल कलर या दो कलर में देखा होगा, लेकिन गूगल ने इन सब से अलग जाते हुए अपने लोगो में कई रंगों को शामिल किया. गूगल के लोगो में लाल, नीला और पीला रंग तो शामिल है, लेकिन बीच में हरे रंग का L भी है. जिसे ये दिखाने के लिए बनाया गया है कि गूगल दूसरों से अलग सोचता है.
गूगल की शुरुआत अमेरिका के कैलिफोर्निया से हुई. यहां एक गैरेज में इस सर्च इंजन को तैयार किया गया, जो आज दुनिया के सर्च मार्केट पर राज करता है. स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के दो स्टूडेंट्स का तैयार किया गया प्रोजेक्ट आज दुनिया की कहानी बदल रहा है. गूगल की पेरेंट कंपनी अल्फाबेट का मार्केट कैप 2.99 ट्रिलियन डॉलर है.
लोगों की जिंदगी का बन गया है हिस्सा
बहुत से लोगों के लिए इंटरनेट का मतलब, गूगल है. जैसे ही लोगों को कुछ सर्च करना होता है, तो उनका जवाब आता है गूगल कर लो. गूगल करने का मतलब इंटरनेट पर सर्च करना हो चुका है. ये दिखाता है कि लोगों के दिमाग में गूगल की छवि कितनी मजबूत है. यही वजह है कि सर्च इंजन मार्केट में अब तक कोई गूगल को टक्कर नहीं दे पाया.
आने वाला समय AI का है और गूगल इस पर भी तेजी से काम कर रहा है. भले ही OpenAI, Perplexity जैसी कंपनियां गूगल को चुनौती दे रही हैं, लेकिन गूगल Gemini बड़ी संख्या में लोगों तक पहुंच गया है. कंपनी ने अपनी तमाम सर्विसेस में AI को इंटीग्रेट कर दिया है, जो लोगों के काम को आसान बना रहा है.