लखनऊ
कानपुर से शुरू हुआ I Love Muhammad का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस विवाद ने लखनऊ की सड़कों पर भी एक नया माहौल तैयार कर दिया है। हाथों में तख्तियां लेकर और नारेबाजी करते हुए शहर के अलग अलग स्थानों ओर हो रहे प्रदर्शन के बीच अब इस विवाद में उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी आ चुके हैं, जिससे अब ये विवाद सियासी गलियारों में एक नई हलचल पैदा कर सकता है।
दरअसल, I Love Muhammad विवाद के बीच भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश महामंत्री अमित त्रिपाठी ने शहर में जगह-जगह I Love Yogi Adityanath Ji और I Love Bulldozer लिखे होर्डिंग्स लगवाए हैं। इन पोस्टरों में सीएम योगी आदित्यनाथ की तस्वीर और बुलडोजर का चित्र लगाया गया है। अमित त्रिपाठी का कहना है कि योगी आदित्यनाथ ने यूपी में गुंडों-माफियाओं पर बुलडोजर चलाकर शांति व्यवस्था कायम की है और जनता का विश्वास जीता है।
योगी आदित्यनाथ के बुलडोजर एक्शन पर पोस्टर वॉर
लखनऊ के वीवीआईपी चौराहा, समता मूलक चौराहा और जानकीपुरम में अचानक I Love Bulldozer और I Love Yogi Adityanath Ji के पोस्टर नजर आने लगे। इन पोस्टरों में सीएम योगी की छवि को लॉ एंड ऑर्डर के मसीहा के रूप में दिखाया गया है। आपको बता दें कि भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश महामंत्री अमित त्रिपाठी ने इन्हें लगवाया और कहा कि योगी सरकार के बुलडोजर एक्शन से उत्तर प्रदेश में अपराधियों की कमर टूटी है और जनता सुरक्षित महसूस कर रही है।
योगी के सख्त प्रशासन पर मिला जनसमर्थन
भाजपा युवा मोर्चा के महामंत्री अमित त्रिपाठी ने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने कानून-व्यवस्था को प्राथमिकता दी है और अपराधियों पर जिस तरह बुलडोजर चलाया है, वह पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। उन्होंने कहा कि इन पोस्टरों का उद्देश्य जनता को यह संदेश देना है कि यूपी में शांति और अमन-चैन CM योगी के कारण कायम है। इस कदम को योगी की बुलडोजर बाबा वाली छवि को और मजबूत करने की रणनीति माना जा रहा है।
'I Love Muhammad' विवाद से जुड़ा नया सियासी एंगल
इस पूरे घटनाक्रम की जड़ कानपुर का 4 सितंबर का विवाद है, जब बारावफात जुलूस के दौरान I Love Muhammad बैनर लगाया गया। विरोध के बाद पुलिस ने कार्रवाई की और मामला बढ़ता चला गया। कई जगह हिंदू समुदाय ने I Love Mahadev/Mahakaal पोस्टर लगाए। अब लखनऊ में लगे I Love Bulldozer और I Love Yogi Adityanath Ji होर्डिंग्स को इस विवाद का राजनीतिक जवाब माना जा रहा है, जो सीधे तौर पर सीएम योगी की सख्त छवि को केंद्र में रखता है।