वाशिंगटन
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर लगाए गए टैरिफ पर लगाई रोक को 90 दिनों के लिए और बढ़ा दिया है। इससे पहले 12 अगस्त को टैरिफ पर लगी यह रोक खत्म होने वाली थी, लेकिन अब ट्रंप ने इसे बढ़ाने का फैसला लिया है। ट्रंप ने इसके लिए एक आदेश पर हस्ताक्षर भी कर दिए हैं। इससे अब चीन पर लगाए गए टैरिफ पर 10 नवंबर तक रोक लागू रहेगी।
'ड्रैगन' के प्रति क्यों नरम हुए अमेरिकी राष्ट्रपति
एक समय पर जो ट्रंप चीन के खिलाफ टैरिफ को बढाकर 245% तक करने का फैसला लेने से पीछे नहीं हटे थे, अब वह 'ड्रैगन' के खिलाफ नरम कैसे पड़ गए हैं? आइए इसके पीछे के संभावित कारणों पर गौर करते हैं।
चीन का जैसे को तैसा अंदाज़
ट्रंप ने जब भी चीन को टैरिफ की धमकी दी, चीन ने भी जैसे को तैसा अंदाज़ अपनाया। ट्रंप की टैरिफ की धमकी पर चीन ने भी अमेरिका पर 125% टैरिफ की धमकी दे दी थी। चीन के इस अंदाज़ की उम्मीद ट्रंप ने भी नहीं की होगी।
बातचीत को बढ़ावा
ट्रंप का यह फैसला दोनों देशों के बीच व्यापार संबंधी बातचीत को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भी प्रेरित बताया जा रहा है। ट्रंप चाहते हैं कि अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड डील हो, जिससे अमेरिका को भी फायदा हो।
आर्थिक प्रभाव
अमेरिका में क्रिसमस और हॉलिडे सीज़न के दौरान चाइनीज़ सामानों पर भारी टैरिफ से कीमतें बढ़ सकती हैं, जिससे उपभोक्ताओं और छोटे व्यवसायों पर असर पड़ सकता है। यह ट्रंप प्रशासन के लिए राजनीतिक रूप से नुकसानदेह हो सकता है।
रणनीतिक कदम
कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह फैसला चीन के दबाव और अमेरिका की आर्थिक मजबूरियों का परिणाम है। चीन का सामान अमेरिकी बाज़ार में सस्ता और लोकप्रिय है।