अफगानिस्तान
पाकिस्तान और अफगानिस्तान तालिबान के बीच माहौल गरमाता ही जा रहा है। कतर और तुर्किए की मध्यस्थता में इस्तांबुल में हुई शांति वार्ता विफल हो चुकी है, जिसके बाद दोनों देशों के बीच एक बार फिर से हिंसा बढ़ने की आशंका है। इन तमाम उठा पटक के बीच अब दोनों का पड़ोसी ईरान मध्यस्थता का प्रस्ताव लेकर आया है। ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने काबुल और इस्लामाबाद के बीच चल रहे विवाद को सुलझाने में मदद करने की पेशकश की है।
आईआरएनए के मुताबिक, शनिवार रात में पाकिस्तानी विदेश मंत्री मोहम्मद इशाक डार से बातचीत के दौरान अरागची ने यह प्रस्ताव रखा। चर्चा के दौरान, ईरानी विदेश मंत्री ने ईरान और पाकिस्तान के बीच एक गहरी दोस्ती और ऐतिहासिक संबंधों का हवाला देते हुए दोनों को साझा हितों से जुड़े दोस्त मुस्लिम राष्ट्र बताया। अफगानिस्तान तालिबान के साथ पाकिस्तान के बढ़ते तनाव पर चिंता जाहिर करते हुए अरागची ने मतभेदों को दूर करके बातचीत के जरिए मुद्दे सुलझाने का आग्रह किया। अरागची ने इस बात पर जोर दिया कि दोनों देशों के बीच शांति पाकिस्तान और अफगानिस्तान के साथ-साथ क्षेत्र के लिए भी जरूरी है।
इस बातचीत के दौरान पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने भी अपने ईरानी समकक्ष को हालिया घटनाक्रम के बारे में जानकारी दी। इसमें उन्होंने इस्तांबुल में संपन्न हुई शांति वार्ता और अन्य कूटनीतिक प्रयासों के बारे में भी बताया, जिन पर दोनों देशों की सहमति नहीं बन पाई थी। हालांकि, डार ने यहां इस बात पर जोर दिया कि वह अफगानिस्तान के साथ बातचीत जारी रखे हुए हैं।
पाकिस्तान अफगानिस्तान विवाद
इससे पहले, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सीमा पर विवाद जारी है। पिछले महीने पाकिस्तान ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर हवाई हमले कर दिए थे, जिसके बाद सीमा पर तनाव बढ़ गया था। अफगानिस्तान तालिबान की तरफ से किए गए हमले में पाकिस्तान के कई दर्जन जवान भी मारे गए थे। हालांकि, इसमें अफगानिस्तान के कई आम नागरिकों की भी जान गई थी। सीमा पर लगातार बढ़ते तनाव के बीच तुर्किए की मध्यस्थता में दोनों देशों के बीच में एक संघर्षविराम हुआ, लेकिन यह लंबे समय तक नहीं चल सका। पाकिस्तान ने फिर से अफगानिस्तान पर हमला बोल दिया।
इसके बाद दोनों देशों के बीच में इस्तांबुल में हुई शांति वार्ता भी विफल हो गई, और दोनों देश एक-दूसरे को धमकी देते नजर आए। गौरतलब है कि पाकिस्तान लगातार आरोप लगाता है कि अफगानिस्तान अपनी धरती पर पाकिस्तान के दुश्मनों को पनाह दे रहा है, हालांकि अफगानिस्तान लगातार इससे इनकार करता रहा है।


